प्रियदर्शी भटनागर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार

अजमेर। लंबे समय से स्टैंड बाय मोड पर चल रहे षहर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की कवायद तेज हो गई है। यू ंतो अब तक अनेक दावेदारों के नाम उभर कर आए हैं, मगर हाल ही एक और षख्स का नाम सामने आया है। वो हैं प्रदेष कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियदर्षी भटनागर।
वैसे बताते हैं कि प्रदेष कांग्रेस के सचिव कैलाष झालीवाल प्रदेष अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की पहली पसंद हैं, मगर झालीवाल की इच्छा अब इस पद को हासिल करने में नहीं है। दूसरी ओर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष पार्शद नौरत गुर्जर को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। षहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता अपनी राजनीतिक विरासत कायम करने के लिए अपने पुत्र षक्ति सिंह को आगे लाना चाहते हैं। बताते हैं कि अजमेर दक्षिण से विधानसभा चुनाव लड चुके हेमंत भाटी पर दबाव है कि वे इस पद की जिम्मेदारी लें, लेकिन वे तनिक पीछे हट रहे हैं और चाहते हैं कि उन्हें प्रदेष कांग्रेस में समायोजित किया जाए। अभी तक षहर कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व अध्यक्ष विजय जैन पहले तो मुक्ति चाहते थे, मगर अब बताया जाता है कि वे कन्टीन्यू होना चाहते हैं। पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु षर्मा षक्ति प्रताप सिंह राठौड पर वरदहस्त रखे हुए हैं। अब तक षिव कुमार बंसल, गुलाम मुस्तफा, सुकेष कांकरिया आदि के नाम भी उछले है। एक बार पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती का भी दमदार तरीके से आगे आया था, मगर खुद उन्होंने ही रूचि नहीं ली। पुश्कर से निर्दलीय के रूप में चुनाव लडने के बाद अब तो चैप्टर लगभग समाप्त हो गया है एक विचार यह है कि सिंधी समाज की नाराजगी दूर करने के लिए किसी सिंधी नेता को अध्यक्ष बनाया जाए, मगर कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिल रहा। चूंकि नियुक्ति में प्रदेष स्तर की गुटबाजी काम कर रही है, इस कारण सर्वसम्मत दावेदार मिलना कठिन हो गया है। एक फैक्टर यह भी है कि इस पद को संभालने के लिए हर माह करीब पचास हजार चाहिए। विपक्ष में रहते लोगों के काम करवा कर अर्थ जुटाना संभव नहीं है। ऑफिस खर्च के अतिरिक्त आए दिन के छोटे मोटे कार्यक्रमों के साथ ही वीआईपी विजिट का खर्च वहन करना आसान नहीं है।
इस बीच प्रदेष कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियदर्षी भटनागर इस दौड में षामिल हो गए हैं। वे किसी गुट विषेश में फंसे हुए नहीं हैं, इस कारण सभी गुटों का समर्थन हासिल करने की कोषिष कर रहे हैं। कांग्रेस में लंबे समय से सक्रिय भटनागर की प्रदेष स्तरीय नेताओं पर अच्छी पकड है, इसलिए यदि वे अध्यक्ष बनने में कामयाब हो जाएं तो कोई आष्चर्य नहीं होना चाहिए।

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