वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने प्रोफेसर ललित कुमार दास को 2024 के “डिजाइन गुरु” अवार्ड से सम्मानित किया

नई दिल्ली, नवंबर, 2024- रचनात्मकता के क्षेत्र में शिक्षा के लिए समर्पित भारत की पहली युनिवर्सिटी- वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्लूयूडी) ने 11 नवंबर, 2024 को अपने परिसर में एक भव्य समारोह में प्रोफेसर ललित कुमार दास को प्रतिष्ठित डिजाइन गुरु अवार्ड से सम्मानित किया। प्रोफेसर ललित दास, औद्योगिक डिजाइन शिक्षा में एक बड़ी हस्ती हैं और उन्हें समावेशी और टिकाऊ डिजाइन को लेकर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में उनके नेतृत्व ने ना केवल अगली पीढ़ी के डिजाइनरों को आकार दिया है, बल्कि ऐसे उत्पादों और पर्यावरण के सृजन के महत्व को रेखांकित किया है जो सभी की पहुंच में हो और सभी के लिए लाभप्रद हो।

नेशनल डिजाइन गुरु डे के अवसर पर वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह अवार्ड उन लीडर को सम्मान देता है जिन्होंने डिजाइन के भविष्य को आकार देते और रचनात्मक सोच वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते हुए भारत में डिजाइन शिक्षा में असाधारण योगदान दिया है। हर साल नौ नवंबर को मनाए जाने वाले नेशनल डिजाइन गुरु डे की शुरुआत डिजाइन के शिक्षकों की अग्रणी पीढ़ी को पहचान देने के लिए की गई जिन्होंने भारत में डिजाइन की शिक्षा की नीव डाली। संयोग से जिस दिन डिजाइन के इन नेताओं को सम्मानित किया जाता है, वह स्वर्गीय प्रोफेसर एमपी रंजन की जयंती है जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) में डिजाइन चिंतन और शिक्षा में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व रहे।

इन वर्षों में वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन ने प्रोफेसर ए.जी. कृष्ण मेनन, प्रोफेसर इफ्तिकार मुल्क चिश्ती, श्री राजीव सेठी, प्रोफेसर जतिन भट्ट, प्रोफेसर अर्चना शास्त्री और सुश्री लैला तैयबजी सहित प्रख्यात नेताओं को डिजाइन गुरु अवार्ड से सम्मानित किया है।

वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्लूयूडी) के कुलपति डाक्टर संजय गुप्ता ने कहा, “वर्ष 2017 में इस युनिवर्सिटी की शुरुआत के समय से ही हमने उन लोगों को सम्मान देने के लिए इस दिन को एक अवसर बनाया जिन्होंने भारतीय डिजाइन परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ी है। हर वर्ष एक अग्रणी डिजाइन पुरोधा को सम्मानित कर इस विरासत को आगे बढ़ाना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। डब्लूयूडी 2024 के डिजाइन गुरु अवार्ड के साथ प्रोफेसर दास के योगदान को याद करते हुए गौरवान्वित है और डिजाइन शिक्षा को उन्नति प्रदान करने और डिजाइन समुदाय पर अपनी गहरा प्रभाव छोड़ने की उनकी प्रतिबद्धता का जश्न मना रही है।”

भारत में औद्योगिक डिजाइन शिक्षा विशेषकर आईआईटी दिल्ली में मौलिक कार्य के जरिए औद्योगिक डिजाइन में प्रोफेसर दास के उल्लेखनीय योगदान को डिजाइन गुरु अवार्ड एक सम्मान है। आईआईटी दिल्ली में दास ने एक अनूठा पाठ्यक्रम तैयार किया जो औद्योगिक विशेषज्ञता के साथ डिजाइन की सोच को निर्बाध रूप से एकीकृत करता है। एक शिक्षक के तौर पर उन्होंने ऐसे ढेरों विद्यार्थियों पर अपना प्रभाव छोड़ा है जोराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए भारत के शीर्ष डिजाइन स्टूडियोज में अग्रणी बनकर उभरे हैं।

प्रोफेसर ललित कुमार दास- औद्योगिक डिजाइन शिक्षा में एक अग्रणी ताकत-प्रोफेसर दास की अकादमिक यात्रा आईआईटी कानपुर से बीटेक के साथ शुरू हुई जिसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से डिजाइन इंजीनियरिंग में एमटेक किया और फिर प्रतिष्ठित रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट, लंदन से औद्योगिक डिजाइन में एमए किया। विभिन्न क्षेत्रों में उन्होंने अनूठे उत्पाद डिजाइन, दिल्ली, बेंगलूरू और हैदराबाद मेट्रो सिस्टम्स के लिए अर्गोनॉमिक अध्ययन में योगदान किया है और दिव्यांग लोगों के लिए समावेशी डिजाइन में भी प्रभावी योगदान किया।

डिजाइन फॉर ऑल इंडिया न्यूजलेटर के संस्थापक संपादक के तौर पर प्रोफेसर दास ने सुगम और समावेशी डिजाइन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने डिजाइन समुदाय एवं सरकार की पहल के बीच सार्थक गठबंधन को बढ़ावा देते हुए डिजाइन एवं कारीगरी विकास पर नीतिगत परिचर्चा में अपनी विशेषज्ञता का लाभ दिया है।इग्नू के साथ साझीदारी में कारीगरों के लिए दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों को लेकर उनके हाल के कार्य, डिजाइन के जरिए सामाजिक प्रभाव को लेकर उनकी गहरी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

अपनी अकादमिक भूमिका से परे जाकर प्रोफेसर दास निरंतर आईआईटी बांबे में एक विजिटिंग प्रोफेसर, महिन्द्रा युनिवर्सिटी में एक सलाहकार और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मानद संकाय सदस्य के तौर पर लगे हुए हैं। वह एक प्रभावशाली मार्गदर्शक हैं जो विद्यार्थियों और युवा पेशेवरों को टिकाऊपन एवं सर्कुलर इकोनॉमीज से लेकर मितव्ययी डिजाइन एवं जटिल प्रणालियों तक के विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

अपनी अकादमिक एवं पेशेवर उपलब्धियों के साथ ही प्रोफेसर दास ने कई राष्ट्रीय डिजाइन अवार्ड्स के लिए जूरी के तौर पर सेवाएं दी हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ‘साइंस एंड सोसाइटी’ और टेक्नोप्रिन्योर प्रमोशन प्रोग्राम सहित विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में एक विशेषज्ञ सदस्य के तौर पर योगदान किया है। नवप्रवर्तन, मूल्य एवं जटिल प्रणालियों पर उनकी हाल की टेडेक्स वार्ता उनके निरंतर चिंतन को रेखांकित करती है।

वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन, पाठ्यक्रम से इतर गतिविधियों के साथ अकादमिक उत्कृष्टता को जोड़कर शिक्षा में मानक स्थापित करती है जहां विद्यार्थी करियर और जीवन दोनों के लिए तैयार होते हैं। पूर्ण रूप से रचनात्मक शिक्षा पर केंद्रित भारत की प्रथम युनिवर्सिटी के तौर पर डब्लूयूडी डिजाइन, फैशन, संचार, विजुअल आर्ट्स, आर्किटेक्चर और प्रबंधन में विविध स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश करती है। हरियाणा के सोनीपत में स्थित डब्लूयूडी भविष्य को आकार देने के लिए रचनात्मक पेशेवर का पोषण कर उन्हें तैयार करने के लिए समर्पित है।

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