प्रतापगढ। सदर तहसील क्षेत्र के पूरे खुशई सिटकहा गांव में पंचायत भवन, के सामने आंगनबाड़ी, कन्या विद्यालय की, युवक मंगल दल आदि के सामने लाखों की जमीन पर चल रहे अवैध निर्माण कार्य को ग्रामीणों की शिकायत को एसडीएम सदर ने गंभीरता से लेते हुए अवैध निर्माण कार्य को बंद करा दिया। और उपस्थित लोगों ने बताया कि एसडीएम साहब ने आश्वाशन दिया कि खुद की मौजूदगी में स्थलीय नापजोख कराई जाएगी। जब तक पैमाईश नहीं जाती तब तक निर्माण कार्य बंद रहेगा। विदित हालांकि जमीन राजस्व विभाग द्वारा चौंकाने वाला सनसनीखेज कारनामा किया गया है। पूर्व के अधिकारियों के आदेशों को धता बताते हुए भूमाफिया के दबाव में आबादी के बीच में तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल ने पंचायत भवन, एएनएम सेंटर, हेल्थ वेलनेस सेंटर के बीच में स्थित आंगनबाड़ी, युवक मंगलदल की सुरक्षित करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर दिया गया था। सैकड़ों वर्षों से आबाद गांव के आधा दर्जन से अधिक पिछड़ी और अनुसूचित जाति के घरों को जद में लेकर कानून को दरकिनार कर भू माफिया को कब्जा दिला दिया गया । इस फर्जी पट्टे की जमीन की कई बार राजस्व विभाग और पुलिस की मौजूदगी में पैमाईश हो चुकी थी। पक्ष में नाप न होने से हर बार बात मानने से कब्जा धारक इनकार कर देता था। इसके पूर्व राजस्व विभाग द्वारा स्थलीय जांच की आख्या उच्च अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है। उक्त आबादी के बीच कृषि हेतु पट्टे की बताई जा रही जमीन पर भू माफिया युद्धस्तर पर जबरिया निर्माण कार्य को करवा रहा है। ग्रामीणों की माने तो उक्त फर्जी पट्टे के खिलाफ न्यायालय में गांव के श्री नारायण सिंह ने न्यायालय में वाद दायर कर रखा है जो विचाराधीन है। वही इस बड़े खेल में राजस्व विभाग के साथ स्थानीय पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। बताना जरूरी है कि इसी सुरक्षित जमीन पर पचासों साल से जनवास का पंडाल पूरे गांव के लोगों के बेटियों की शादी में लगाया जाता रहा है। उक्त गंभीर मामला सदर तहसील क्षेत्र के पूरे खुशई सिटकहा गांव के एएनएम सेंटर, पंचायत घर, हेल्थ वेलनेस सेंटर के बीच का है जो जिले से लेकर सूबे तक सुर्ख़ियों में बना हुआ है। शुक्रवार को फूलचंद्र सिंह एडवोकेट, धर्मेंद्र सिंह एडवोकेट, मोहित सिंह पूर्व ग्राम प्रधान के साथ दो दर्जन महिला एवं पुरुषों ने एसडीएम से मिलकर अति संवेदनशील समस्या से अवगत कराया था। जिसपर एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से कार्य बंद करा दिया।
