स्लिप डिस्क से पीड़ित पूर्व फौजी की मित्तल हॉस्पिटल में हुई सफल सर्जरी

गर्म कपड़ों के तिब्बती बाजार में भारी वजन उठाते हो गई स्लिप डिस्क पीड़ा
सीनियर ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन डॉ ए आर गौरी ने किया रोगी का उपचार
अजमेर,28 जनवरी()। सर्दियों के दिनों में लगने वाले अजमेर के अस्थाई तिब्बती बाजार में भारी वजन उठाने में मदद करना देहरादून से आए पूर्व फौजी तिब्बती युवक को उस समय महंगा साबित हो गया जबकि उसे अचानक स्लिप डिस्क की पीड़ा हो गई। रोगी को कमर में दर्द इतना था कि उसे ठीक से उठा—बैठा—चला भी नहीं जा रहा था। मित्तल हॉस्पिटल के सीनियर ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन डॉ ए आर गौरी ने रोगी की आवश्यक जांच के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी की माइक्रोस्कोपिक लैमिनेक्टॉमी के साथ डिस्केक्टॉमी और फोरामेनोटॉमी सर्जरी की। रोगी को सर्जरी के बाद पूरा आराम मिल गया और वह फिर से उठने,बैठने व चलने लगा।
मित्तल हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ ए आर गौरी ने बताया कि रोगी की जांच में पाया गया कि उसके कमर का छल्ला जिसे स्लिप डिस्क भी कहा जाता है खिसका हुआ था। स्लिप डिस्क नस के नीचे दबी हुई अवस्था में थी जिससे मरीज की नसों पर दबाव बन रहा था। मरीज को थोड़ा सा हिलने पर भी असहनीय दर्द महसूस होता था। रोगी को पलंग पर सोते हुए भी तनिक आराम नहीं मिल पा रहा था। जांच के बाद रोगी एवं उसके परिवारजन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की सलाह दी गई।
रोगी को बताया गया कि समय रहते सर्जरी नहीं की गई तो भविष्य में रोगी को शौच जाने, पेशाब करने में भी तकलीफ हो सकती है व शरीर में कमजोरी की शिकायत रह सकती है। उन्होंने बताया गया कि रोगी की स्लिप डिस्क जिसने नस को दबाया हुआ है व नीचे खिसक कर नसों में फंसी हुई है, को सर्जरी से ही सही किया जा सकता है। रोगी की सहमति पर सर्जरी कर डिस्क को निकाला गया और रोगी के नसों पर दबाव को ठीक किया गया। सर्जरी के बाद रोगी के पैरों में जो दर्द उतर रहा था वह खत्म हो गया। मरीज आराम से बैठने व चलने लगा। रोजमर्रा के काम भी स्वयं से करने लगा। स्वास्थ्य लाभ पाने पर रोगी को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।
डॉ ए आर गौरी ने बताया कि रोगी को सही समय पर सही हॉस्पिटल में सही चिकित्सक से उपचार के लिए पहुंचाए जाने से उसे अविलंब राहत मिल गई, अन्यथा सामान्य रूप से इस तरह के पीड़ित रोगी उचित सलाह नहीं मिलने पर मालिश या मसाज कराने अथवा अन्य नीम हकीमों के चंगुल में आकर लेप लगाने आदि दर्द निवारक उपाय करने में समय बर्बाद कर देते हैं जिससे शरीर के अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ जाता है और मरीज अपना नुकसान कर बैठते हैं। उन्होंने बताया कि मरीज आर्मी सेवा से रिटायर्ड है इसलिए उसका उपचार सरकारी योजना (ईसीएचएस) में यहां नि:शुल्क ही हो गया। यूं भी मित्तल हॉस्पिटल केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं में उपचार के लिए अधिकृत है।
मरीज ने बातचीत में मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चिकित्सक डॉ ए आर गौरी सहित नर्सिंग स्टाफ की सेवाओं की सराहना की। मरीज ने बताया कि वह देहरादून से अपने भाई की मदद के लिए अजमेर आया हुआ था। भाई ने यहां तिब्बती मार्केट में गर्म कपड़ों की दुकान लगा रखी है। मरीज ने चिकित्सक के समक्ष चलकर भी दिखाया और सही समय पर सही उपचार मिलने पर शुक्रिया कहा।

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