आदमी में भी माहवारी जैसा ही कुछ होता है?

दोस्तो, नमस्कार। यह सर्वविदित है कि औरत हर महिने माहवारी की अवस्था से गुजरती है। उस दौरान वह चिढचिढी हो जाती है। ऐसा हार्मोनल चैंजेज की वजह से होता है। यह भी पक्का है कि आदमी के षरीर में माहवारी जैसी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होती। मगर कुछ वैज्ञानिकों ने गहन षोध में पाया है कि हर माह आदमी भी अट्ठाईसवें दिन औरत के मासिक धर्म की अवस्था में आता है। उसमें भी उसी प्रकार चिढचिढापन आ जाता है। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से यह अभी पूर्णतः प्रमाणित नहीं हुआ है कि हर माह पुरुषों में भी महिलाओं की तरह मासिक धर्म जैसी कोई चक्रीय प्रक्रिया होती है। लेकिन, कुछ शोध बताते हैं कि पुरुषों में हर माह हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन स्तर में परिवर्तन, जिससे उनका मूड, ऊर्जा स्तर और चिड़चिड़ापन प्रभावित हो सकता है। इसे कभी-कभी प्ततपजंइसम डंसम ैलदकतवउम प्डै कहा जाता है, जिसमें पुरुषों को चिड़चिड़ापन, थकान, अवसाद, और संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। यह हार्मोनल असंतुलन, तनाव, नींद की कमी, या जीवनशैली के कारण भी हो सकता है। अध्यात्म व ज्योतिश की नजर से देखें तो ऐसे परिवर्तन चंद्रमा की कलाओं की वजह से होता होगा। एक नजरिया यह भी है कि आदमी व औरत, हो भले ही भिन्न, मगर मूलतः हैं तो इंसान ही। दोनों में काफी साम्य है। जैसे औरत के स्तन होते हैं तो आदमी के भी स्तन होते हैं, मगर वे निश्क्रिय अवस्था में, अनुपयोगी।

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