रंगों का त्योहार: प्रेम, उल्लास और नई शुरुआत का प्रतीक ” होली”

अजमेर! रंगों की बौछार, गुलाल की सुगंध, मिठाइयों की मिठास और हंसी-ठिठोली से भरा यह त्योहार—होली, सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि उमंग, उल्लास और आपसी प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार हमें जीवन को नए रंगों में देखने और हर रिश्ते को नई ऊर्जा देने का अवसर प्रदान करता है।
होली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इसे और भी खास बनाता है। यह त्योहार भक्त प्रह्लाद की भक्ति और होलिका की हार की याद दिलाता है। यह हमें सिखाता है कि सत्य और प्रेम की विजय हमेशा होती है और नकारात्मकता चाहे जितनी भी बड़ी हो, उसे जलाकर खत्म किया जा सकता है।
होली सिर्फ रंग खेलने का नाम नहीं, बल्कि पुराने गिले-शिकवे मिटाने और नए सिरे से रिश्तों को मजबूत करने का भी अवसर है। जब चेहरे पर गुलाल लगता है, तब न कोई बड़ा होता है, न कोई छोटा—सब एक समान होते हैं। यह त्योहार सामाजिक भेदभाव को मिटाकर भाईचारे को बढ़ाने का सबसे सुंदर माध्यम है।
रंगों की खुशी के साथ हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि होली का उत्सव प्रेम और सम्मान के साथ मनाएँ। प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें, पानी बचाएँ और होली के असली संदेश को आत्मसात करें—खुशियाँ बाँटें, प्रेम बढ़ाएँ और एक-दूसरे के जीवन में रंग भरें!
आपको और आपके परिवार को रंगों से भरी, खुशियों से सजी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
होली हर्षित हो, रंगीन हो, और प्रेम से भरी हो!
सुरक्षित और आनंदमय होली मनाएँ!
– अमित माथुर
– ( पत्रकार, सम्पादक, ब्लॉगर )
– अजमेर- राजस्थान
– 63504-92627

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