भारत के 90% बी2बी मार्केटर्स वीडियो को सबसे असरदार जरिया मानते हैं

जयपुर, 4 जून 2025: आज के बेहद चुनौतीपूर्ण और जटिल बी2बी माहौल में,लिंक्डइन की नई रिसर्च से पता चलता है कि भारत में 90% बी2बी मार्केटर्स की सबसे बड़ी चिंता अपने कैंपेन के ज़रिए दर्शकों का ध्यान खींचना है। वहीं, 62%का मानना है कि प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहने के लिए वीडियो में निवेश करना अब ज़रूरी हो गया है।

लिंक्डइन की‘ 2025 बी2बी मार्केटर सेंटिमेंट रिसर्च’ ने 13 देशों -भारत, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, इटली, स्वीडन, ब्राजील और यूएई – में 3,000 से अधिक बी2बी मार्केटर्स का सर्वेक्षण किया। इस रिसर्च से पता चला कि भारत के80% बी2बी मार्केटर्स को लगता है कि आजकल बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अलग दिखने के लिए रचनात्मकरण नीतियों में निवेश करनाआवश्यक है।

हालांकि, रचनात्मकता को अब भी बोर्डरूम में पूरी जगह नहीं मिल पाई है। वरिष्ठ स्तर के मार्केटिंग लीडर्स मानते हैं कि रचनात्मक विचार और वीडियो, खरीद से जुड़े निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन 72% सीएमओ और वीपी का कहना है कि उनका नेतृत्व जोखिम से बचने की मानसिकता रखता है, जिसकी वजह से वे नए प्रयोगों के बजाय पारंपरिक और पुराने तरीकों पर ही निर्भर रहते हैं।

बी2बी में वीडियो और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग: सीधी बिक्री के लिए सबसे असरदार रणनीतियाँ

कम संसाधनों के साथ ज़्यादा काम करने के दबाव और लाभ (बॉटम लाइन) पर प्रभाव दिखाने की चुनौती के बीच, भारत के 97% बी2बी मार्केटर्स का मानना है कि मौजूदा हालात मेंवीडियो और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, सीधी बिक्री हासिल करने की सबसे प्रभावशाली रणनीतियों में से हैं।

बी2बी मार्केटिंग में शॉर्ट-फॉर्म वीडियो, दर्शकों के साथ भरोसा बनाने (82%) और निर्णय लेने वालों तक पहुंचने (82%) में मददगार साबित हो रहा है। इसके साथ ही, शॉर्ट-फॉर्म इन्फ्लुएंसर वीडियो कंटेंट, मार्केटर्स के लिए शीर्ष निवेश प्राथमिकता के रूप में उभर रहा है।

रिसर्च से यह भी सामने आया है कि बी2बी मार्केटर्स के लिए एक प्रामाणिक और भरोसेमंद ब्रांड बनाना शीर्ष प्राथमिकता बन गया है, और इसके लिए इन्फ्लुएंसर व क्रिएटर के साथ साझेदारी अहम भूमिका निभा सकती है।भारत में 72% बी2बी मार्केटर्स का कहना है कि आज की तारीख में इन्फ्लुएंसर और क्रिएटर के सहयोग के बिना उनकी मार्केटिंग रणनीति अधूरी है। वहीं, 84% को पूरा भरोसा है कि साल के अंत तक इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग कैंपेन सीधे तौर पर बिक्री बढ़ाने में मदद करेंगे।

बी2बी खरीद प्रक्रिया लगातार जटिल होती जा रही है।फॉरेस्टर की ‘2025 बी2बी मार्केटिंग एंड सेल्स प्रेडिक्शंस’ रिपोर्ट के अनुसार,युवा बी2बी खरीदार अब खरीद संबंधी निर्णय लेते समय 10 या उससे ज्यादा बाहरी इन्फ्लुएंसर्स—जैसे सोशल मीडिया या सहकर्मी नेटवर्क—पर भरोसा कर रहे हैं।

लिंक्डइन मार्केटिंग सॉल्यूशंसइंडिया के डायरेक्टर सचिन शर्मा कहते हैं, “जब लोगों का ध्यान कम समय में भटक रहा हो और प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही हो, तब बी2बी मार्केटर्स को सिर्फ रचनात्मक कहानियों से काम नहीं चलता। उन्हें ऐसा कंटेंट चाहिए जो लोगों का ध्यान खींचे, भरोसा बनाए और उन्हें कार्रवाई के लिए प्रेरित करे। इस वक्त सोशल मीडिया वीडियो को विश्वसनीय प्रभावशाली आवाजों के साथ जोड़ने का बड़ा मौका है, जिससे बेवजह स्क्रॉल करना एक सार्थक विजुअल अनुभव में बदला जा सके और अंततः वह खरीदारी के फैसले तक पहुंच सके। लिंक्डइन के नए वीडियो सॉल्यूशंस इसी दिशा में बनाए गए हैं – ताकि मार्केटर्स भीड़ से अलग नज़र आएं, और अपने ब्रांड की सच्चाई व विश्वसनीयता को बरकरार रखते हुए दर्शकों को जोड़ने में सफल रहें।”

लिंक्डइन ने वीडियो विज्ञापन क्षमताओं का किया विस्तारपेश किए नए फॉर्मैट जैसे ‘फर्स्ट इम्प्रेशन एड्स’, ‘रिज़र्व्ड एड्स’ और सीटीवी एड्स की नई रेंज

लिंक्डइन ने आज कई नए अपडेट्स की घोषणा की है, जिससे मार्केटर्स के लिए वीडियो के ज़रिए नवाचार करना और भी आसान हो जाएगा। इनमें शामिल हैं:

फर्स्ट इम्‍प्रेशन ऐड्स : भारत में 77% बी2बी मार्केटर्स का मानना है कि किसी कैंपेन का पहला दिन सबसे ज़्यादा असर डालने वाला होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए लिंक्डइन नेफर्स्ट इम्प्रेशन ऐड्सपेश किए हैं — यह एक नया फुल-स्क्रीन, वर्टिकल वीडियो फॉर्मेट है, जो सिर्फ एक दिन के कैंपेन के लिए होता है और ब्रांड को ज़्यादा से ज़्यादा विजिबिलिटी दिलाता है, खासकर जब किसी बड़े मार्केटिंग मौके की बात हो। यह विज्ञापन ब्रांड को यह सुविधा देता है कि वे प्रोफेशनल दर्शकों, जैसे छोटे कारोबारियों या टेक्नोलॉजी से जुड़े निर्णय लेने वालों को खास तौर पर टारगेट करें और उस दिन दर्शक द्वारा देखा जाने वाला पहला विज्ञापन अपने नाम करें।

रिज़र्व्ड ऐड्स : अगर कोई ब्रांड पहले दिन के बाद भी अपने कैंपेन की पकड़ बनाए रखना चाहता है, तो वहरिज़र्व्ड ऐड्सका इस्तेमाल कर सकता है। इससे उनका स्पॉन्सर्ड कंटेंट दर्शकों की फीड में सबसे ऊपर यानी पहले विज्ञापन के रूप में दिखेगा। ठीक वैसे ही जैसे आप किसी कॉन्सर्ट में फ्रंट-रो सीट चुनते हैं ताकि सबसे बेहतर व्यू मिले, वैसे ही रिज़र्व्ड ऐड्स ब्रांड को अधिक ध्यान, ज़्यादा दृश्यता और ज़्यादा ‘शेयर ऑफ वॉयस’ हासिल करने में मदद करते हैं।

सीटीवी ऐड्स की बढ़ी हुई क्षमताएं : पिछले साल लॉन्च होने के बाद से, लिंक्डइन के ज़रिए दिखाए गए सीटीवी ऐड्स, औसतन पारंपरिक टीवी के मुकाबले बी2बी दर्शकों तक चार गुना अधिक प्रभावी ढंग से पहुँच बना रहे हैं (iSpotके अनुसार)। अब ये ऐड्स अमेरिका और कनाडा के खरीदारों को टारगेट करने के लिए दुनियाभर के ग्राहकों के लिए उपलब्ध हैं। लिंक्डइन ने इन क्षमताओं को और बेहतर बनाते हुए कुछ नए अपडेट्स पेश किए हैं ताकि ब्रांड्स को ज़्यादा प्रीमियम पहुंच, आसान ऐक्टिवेशन और गहराई से इनसाइट मिल सके।

  • नए इंटीग्रेशन से आसान उपयोग

भारत के 76% बी2बी मार्केटर्स का कहना है कि सीटीवी ऐड्स से वे अपने ग्राहकों तक ज़्यादा नियमित रूप से पहुंच बना पा रहे हैं। अब इनोविड और स्प्रिंकलर के साथ नए इंटीग्रेशन की मदद से लिंक्डइन सही दर्शकों तक पहुंचना और कैंपेन को आसान तरीक़े से बनाना व मैनेज करना और भी सरल कर रहा है।

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