बीस दिवसीय शिविर का सफल समापन
अजमेर 05 जून। कला अंकुर संस्थान द्वारा 15 मई से 5 जून तक आयोजित ग्रीष्मकालीन संगीत-नृत्य-ड्रॉइंग-पेंटिग-कै
कार्यक्रम का आरंभ में गायन के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। षिविर की सयोंजिका अंजना बोगावत ने स्वागत उद्बोधन एवं ग्रीष्मकालीन षिविर की जानकारी दी। प्रषिक्षण षिविर के विद्यार्थियों ने गिटार, की-बोर्ड, गायन, कथक एवं बॉलीवुड नृत्य की प्रस्तुतियां दी।
जिसमे की-बोर्ड एवं गिटार पर विद्यार्थियों ने गीत अजीब दास्तां है ये एवं ट्वींकल ट्वींकल लिटिल स्टार, कराओके सिंगीग में गीत चांद को क्या मालूम व छू कर मेरे मन को एवं नृत्य के विद्यार्थियों ने गीत चौगाडा थारा थारा, चक धूम धूम व मंलंग गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
थियेटर के विद्यार्थियों ने लेखक साकी द्वारा लिखित कहानी ‘‘गोधुली’’ पर आधारित एक लघु नाटक जिसमें विद्यार्थी जयेन्द्र माथुर, अरीन अग्रवाल, धंनजय सोलंकी एवं हर्षल संभवानी ने गुंजन गोयल एवं बरखा कुंदनानी के निर्देषन में प्रस्तुत कर अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया। ड्रॉइंग-पेंटिग-कैलीग्राफी एवं आर्ट एण्ड क्राफ्ट के विद्यार्थियों की कृतियों की एक प्रदर्षनी भी लगाई गई जिसको सभी ने सराहा। इस अवसर पर संस्था के सह संरक्षक सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने ललित कलाओं को व्यक्तित्व विकास के लिए आवष्यक बताया। षिविर के अध्यापक राजीव शर्मा, दीपा कुमारी, श्वेता, काव्या, सुरेष, गुंजन, रोहित ने षिविर के विद्यार्थियों के साथ अपने प्रषिक्षण अनुभवों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सह महासचिव रेनु शर्मा ने किया ।
इस अवसर पर संस्था के सदस्यों सुरेन्द्र सिंह शेखावत, डॉ.महेन्द्र कुमार झा, अज़हर काज़मी, रमाकांत अग्रवाल, गोपाल खन्ना, अजीत बोगावत, राजेन्द्र कुमार रांका, डॉ.शानतंनु तेला, माधवी स्टीफन, डॉ. गिरीजेष उपाध्याय, विनीता चौहान, डॉ.विजयलता, पल्लवी चर्तुवेदी, डॉ. रूपा गोयल, मनीषा शेखावत, प्रज्ञा शर्मा ने विद्यार्थियों को कला अंकुर के प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। अंत में संस्था महा सचिव राजीव शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
अंजना बोगावत
संयोजक
