कोटा, जून 2025:सड़क सुरक्षा और जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने राजस्थान के कोटा में एक सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य छोटी उम्र से ही सड़क सुरक्षा का व्यवहार विकसित करना है। इस कार्यक्रम में सरकारी आईटीआई-केमिकल, सरकारी आईटीआई और ओम कोठारी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के 2200 से अधिक छात्रों और स्टाफ सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को इंटरएक्टिव सत्रों और प्रायोगिक अनुभवों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के विषय में जानकारी दी गई।
अभियान के तहत छात्रों को विभिन्न गतिविधियों और सत्रों में शामिल किया गया, जिससे उनके रोजमर्रा के वातावरण को ही एक शिक्षण मंच में बदल दिया गया। इन सत्रों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया था कि वे न केवल जानकारीपूर्ण बल्कि रोचक और प्रभावशाली भी हों। प्रतिभागियों को सुरक्षित राइडिंग के मूल सिद्धांतों से अवगत कराया गया, जैसे कि हेलमेट पहनने की अनिवार्यता और सड़क पर अनुशासन का पालन करने का महत्व।
कोटा में यह अभियान राजस्थान में एचएमएसआई की बढ़ती उपस्थिति का एक हिस्सा है, जहां कंपनी स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर सड़क सुरक्षा की संस्कृति का निर्माण कर रही है। ये प्रयास कंपनी की उस व्यापक पहल का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य हर आयु वर्ग में जागरूकता फैलाकर एक सुरक्षित यात्रा वातावरण बनाना है।
एचएमएसआईकी सड़क सुरक्षा पहलों ने पूरे भारत में लाखों लोगों तक पहुंच बनाई है — जिसमें स्कूलों/कॉलेजों और ट्रैफिक विभागों के साथ सहयोग और जमीनी स्तर पर सक्रिय भागीदारी शामिल है। कंपनी अपने “सुरक्षित सड़कों”के विजन को आगे बढ़ाने के लिए समुदायों कोशिक्षा, सहभागिता और सशक्तिकरण के माध्यम से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
2021 में, होंडा ने अपनी वैश्विक दृष्टि (ग्लोबल विज़न) 2050 की घोषणा की थी, जिसके अंतर्गत कंपनी ने यह लक्ष्य तय किया कि वर्ष 2050 तक होंडा की दोपहिया और चार पहिया वाहनों से जुड़ी कोई भी सड़क दुर्घटना मृत्यु न हो। भारत में होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) इस वैश्विक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है, साथ ही भारत सरकार के 2030 तक सड़क दुर्घटना मृत्यु दर को आधा करने के लक्ष्य के अनुरूप भी कदम उठा रही है।
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है –2030 तक बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना और इसके बाद भी उन्हें लगातार शिक्षित करते रहना। स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा देना केवल जागरूकता फैलाने के लिए नहीं, बल्कि युवा मनों में सुरक्षा की संस्कृति को रोपित करने के लिए है – जिससे वे सड़क सुरक्षा के दूत बनें। यह शिक्षा भावी पीढ़ियों को जिम्मेदार नागरिक बनने में सशक्त बनाती है और समाज को सुरक्षित बनाने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करती है।
एचएमएसआई का उद्देश्य है कि वह ऐसी कंपनी बने जिसकी उपस्थिति समाज स्वयं चाहता हो। इस सोच के साथ एचएमएसआई समाज के हर वर्ग –स्कूल के बच्चों से लेकर कॉर्पोरेट्स तक – के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए अनोखे और प्रभावशाली जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा का संदेश फैला रही है।
एचएमएसआई के प्रशिक्षित सुरक्षा प्रशिक्षक प्रतिदिन भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित 10 अपनाए गए ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क (TTP) और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर्स (SDEC) में नियमित कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिससे सड़क सुरक्षा शिक्षा समाज के हर कोने तक पहुँच सके। इस पहल के माध्यम से अब तक 1 करोड़ (10 मिलियन) से अधिक भारतीयों तक पहुँच बनाई जा चुकी है।
एचएमएसआई के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम ने शिक्षा को मनोरंजक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ा है, ताकि सुरक्षा का संदेश गहराई से और प्रभावी रूप में लोगों तक पहुँचे।
वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया लर्निंग मॉड्यूल: होंडा के ट्रेन्ड इंस्ट्रक्टर्स ने थ्योरी सेशन्स के ज़रिए रोड सेफ्टी की बेसिक समझ बनाई। इनमें रोड साइन्स और मार्किंग्स, ड्राइवर के ज़िम्मेदारियां, राइडिंग गियर और सही पोश्चर, और सेफ राइडिंग के बेसिक एटीकेट्स जैसे जरूरी टॉपिक्स कवर किए गए। ये मॉड्यूल्स इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं कि लर्निंग आसान, प्रैक्टिकल और इफेक्टिव हो।
प्रैक्टिकल लर्निंग: होंडा के वर्चुअल राइडिंग सिम्युलेटर पर एक खास ट्रेनिंग एक्टिविटी कराई गई, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने रियल राइडिंग से पहले सड़क पर आने वाले 100 से ज्यादा संभावित खतरों को वर्चुअली अनुभव किया।
इंटरऐक्टिव सेशन: प्रतिभागियों को KikenYosoku Training (KYT) के जरिए डेंजर प्रीडिक्शन ट्रेनिंग दी गई। यह ट्रेनिंग राइडर/ड्राइवर की खबरों को पहचानने की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करती है और सड़क पर सेफ बिहेवियर को सुनिश्चित करती है।
पहले से राइडिंग कर रहे प्रतिभागियों का स्किल डेवलपमेंट:वे स्टूडेंट्स और स्कूल स्टाफ जो पहले से राइडिंग करते हैं, उन्होंने स्लो राइडिंग और नैरो प्लैंक राइडिंग जैसी एक्टिविटीज़ के माध्यम से अपने स्किल्स को टेस्ट और इंप्रूवकिया।
एचएमएसआई का डिजिटल रोड सेफ्टी प्लेटफॉर्म – E-Gurukul: एचएमएसआई ने हाल ही में अपना इनोवेटिव डिजिटल रोड सेफ्टी लर्निंग प्लेटफॉर्म E-Gurukul लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म 5 से 18 वर्ष की उम्र के तीन अलग-अलग एज ग्रुप के लिए तैयार किए गए कस्टमाइज्ड ट्रेनिंग मॉड्यूल्स प्रदान करता है, ताकि रोड सेफ्टी के प्रति एक व्यापक और प्रभावी अप्रोच अपनाया जा सके।वर्तमान में ये मॉड्यूल्स कन्नड़, मलयालम, हिंदी, तेलुगु, तमिल और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिससे भाषाई विविधता और स्थानीय प्रासंगिकता सुनिश्चित की जा सके। E-Gurukul को egurukul.honda.hmsi.inपर एक्सेस किया जा सकता है। यह प्लेटफॉर्म लाइव स्ट्रीमिंग और डाउनलोड दोनों की सुविधा देता है, ताकि देशभर के यूज़र्स तक यह सहज रूप से पहुँच सके।
E-Gurukul का लॉन्च एचएमएसआई की उस निरंतर पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बच्चों, एजुकेटर्स और डीलर्स को सुरक्षित सड़क व्यवहार के लिए सशक्त बनाना है। यह इनिशिएटिव देश के हर राज्य के स्कूलों तक विस्तार करेगा और एज-ग्रुप आधारित रोड सेफ्टी एजुकेशन को बढ़ावा देगा।कोई भी स्कूल जो इस प्रोग्राम से जुड़ना चाहता है, वह संपर्क कर सकता है।