जयपुर, जून 2025: जयपुर के रिक्रूटर्स अब भर्ती की सफलता को वित्तीय मापदंडों से आंक रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े प्रोफेशनल नेटवर्क लिंक्डइन के नए शोध के अनुसार, जयपुर के 70% रिक्रूटर्स के लिए “प्रति नियुक्ति लागत” सबसे महत्वपूर्ण मानक बन गई है। यह दर्शाता है कि शहर में भर्ती प्रयासों की आर्थिक उपयोगिता और उसके प्रतिफल पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, नियुक्त व्यक्ति की गुणवत्ता (61%) और प्रति कर्मचारी आय (58%) भी प्रमुख मापदंडों में शामिल हैं।
एआई और तकनीक में निवेश से बदले परिदृश्य: लिंक्डइन के ‘इंडिया हायरिंग आरओआई’ शोध में, जिसमें देश के 10 शहरों के 1300 से अधिक एचआर पेशेवरों ने भाग लिया, यह पाया गया कि जयपुर के 54% रिक्रूटर्स अब अपनी भर्ती बजट का 70% तक हिस्सा एआई और आधुनिक भर्ती तकनीकों में निवेश कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि तेजी से और सही लोगों की नियुक्ति अब केवल मानवीय अनुभव पर नहीं, बल्कि डेटा और तकनीक पर भी आधारित है। जयपुर के 72% संगठन लिंक्डइन जैसे डिजिटल जॉब प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर अपने भर्ती परिणामों को ट्रैक कर रहे हैं, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों सुनिश्चित होती हैं।
रुचि आनंद, हेड, लिंक्डइन टैलेंट सॉल्यूशंस इन इंडिया ने कहा, “भारत में टैलेंट का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। जयपुर जैसा शहर, जो आर्थिक गतिविधियों से भरा हुआ है, इस बदलाव का दबाव साफ महसूस कर रहा है। यहां के आधे से अधिक रिक्रूटर्स अपने लीडरशिप को आरओआई (निवेश पर लाभ) साबित करने पर जोर दे रहे हैं, इसलिए वे ऐसे मापदंडों को तरजीह दे रहे हैं जिनका सीधा असर बिजनेस पर पड़ता है। सही और तेज़ी से लोगों की नियुक्ति की चुनौती के बीच, लिंक्डइन के एआई-सक्षम टूल्स जयपुर की भर्ती प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बना सकते हैं। ये टूल्स रिक्रूटर्स को बेहतर प्रतिभा को सटीकता और दक्षता के साथ खोजने और जोड़ने में मदद करते हैं।
टैलेंट गैप बनी बड़ी चुनौती: जयपुर में 65% रिक्रूटर्स का मानना है कि तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स के संतुलन वाली प्रतिभा ढूंढना मुश्किल हो गया है, जबकि 57% को सही उम्मीदवार समय पर मिल पाना सबसे बड़ी चुनौती लगती है। यही समस्या देशभर के आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी देखी जा रही है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs), जो जयपुर को उभरते हब के रूप में देख रहे हैं, उन्हें स्थानीय प्रतिभा की उपलब्धता और वैश्विक अपेक्षाओं में तालमेल की कमी (68%) और प्रशिक्षण के अवसरों की सीमितता (82%) से परेशानी हो रही है।
सताक्षी जायसवाल, हेड-पीपल स्ट्रैटेजी एवं सॉल्यूशंस, कार्स 24 ने कहा, “आज की भर्ती सिर्फ खाली पद भरने का काम नहीं है, बल्कि ऐसे उपयुक्त लोगों को जोड़ने की बात है जो पहले दिन से योगदान देना शुरू कर सकें और कंपनी के साथ आगे बढ़ सकें। हमने अपने संगठन में हायरिंग की परिभाषा बदल दी है—अब यह प्रक्रिया पारदर्शिता, गति और दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर आधारित है। इस बदलाव में लिंक्डइन की भूमिका बेहद अहम रही है। इस प्लेटफॉर्म ने हमें अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले, बहुप्रतिभाशाली और उच्च क्षमता वाले उम्मीदवारों तक पहुंचने में मदद की है, जिनके पास विभिन्न कौशल हैं। साथ ही, इसने हमारे एम्प्लॉयर ब्रांड को मजबूत किया है और उम्मीदवारों से व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ने में भी मदद की है, जिससे उनका अनुभव बेहतर हुआ है।
डेटा और एआई की मदद से स्मार्ट हायरिंग की ओर बढ़ता जयपुर: जयपुर के रिक्रूटर्स अब तेजी और सटीकता के लिए डेटा विश्लेषण (79%) और एआई-सक्षम स्क्रीनिंग व हायरिंग टूल्स (57%) का उपयोग कर रहे हैं। पूरे भारत में 74% आईटी और टेक कंपनियां अब बेहतर फैसले लेने के लिए डेटा विश्लेषण को प्राथमिकता दे रही हैं।
रिक्रूटर्स इन तकनीकों से वास्तविक लाभ भी देख रहे हैं — दक्षता में वृद्धि (49%), उच्च-मूल्य कार्यों के लिए समय की बचत (43%) और व्यवसायिक लक्ष्यों के साथ बेहतर समन्वय (40%) जैसे स्पष्ट परिणाम सामने आ रहे हैं।
जैसे-जैसे एआई का उपयोग बढ़ रहा है, जयपुर के 91% रिक्रूटर्स मानते हैं कि वे अब केवल हायरिंग प्रोफेशनल नहीं, बल्कि रणनीतिक कॅरियर सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं। 93% रिक्रूटर्स अब उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तरीके से जुड़ने के लिए व्यक्तिगत सामग्री और डेटा इनसाइट्स का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं।
लिंक्डइन के टैलेंट मार्केट डेटा और बेंचमार्किंग टूल्स ने हमें सटीक और तेज़ डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाया है। लिंक्डइन के साथ हम न केवल तेज़ी से, बल्कि ज़्यादा सोच-समझकर भर्तियां कर रहे हैं और भविष्य के लिए मज़बूत टीमें बना रहे हैं।”
ऑन-द-स्पॉट रिजल्ट दे रहे हैं लिंक्डइन के एआई टूल्स: लिंक्डइन के नए जनरेटिव एआई हायरिंग अनुभव रिक्रूटर 2024 ने पहले ही बेहतरीन परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। एआई-सहायता प्राप्त संदेशों की स्वीकृति दर सामान्य आउटरीच की तुलना में 44% अधिक है और प्रतिक्रिया मिलने में औसतन 11% कम समय लग रहा है। हायरिंग असिस्टेंट नामक एआई एजेंट स्क्रीनिंग और सोर्सिंग जैसे दोहराव वाले कार्यों को स्वचालित करता है, जिससे रिक्रूटर्स अपने समय को उम्मीदवारों की उपयुक्तता का मूल्यांकन, साक्षात्कार और हायरिंग मैनेजरों को सलाह देने जैसे कार्यों पर केंद्रित कर सकते हैं।