राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस- 1 जुलाई, 2025

स्वस्थ जीवन हर किसी की सर्वोच्च जीवन प्राथमिकता होता है। कहा भी गया है कि, ‘सेहत सबसे बड़ी पूंजी’ है। स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन को सही तरह से एन्जॉय करते हुए उसे सफल एवं सार्थक बना सकता है और इसमें डॉक्टर्स की भूमिका बहुत अहम होती है। छोटी-बड़ी हर तरह की बीमारियों को डॉक्टर्स की मदद से ठीक किया जा सकता है। शायद इसलिए ही इन्हें भगवान का दर्जा मिला हुआ है। राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस प्रसिद्ध डॉक्टर और बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है। वैसे तो दुनियाभर के अलग-अलग देशों में डॉक्टर्स डे को अलग-अलग दिन मनाया जाता है, लेकिन भारत में इस दिन को 1 जुलाई को इसलिये मनाया जाता है क्योंकि 1 जुलाई 1882 में भारत के प्रसिद्ध फिजीशियन डॉ. राय का जन्म हुआ था और उनका निधन भी 1 जुलाई को ही साल 1962 में हुआ था। चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मान देने के मकसद से डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत की गई थी। यह दिन उन डॉक्टरों को समर्पित होता है जो हमारी सेहत का ध्यान रखते हुए हमें नया जीवनदान देते हैं। साथ ही हमें बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। हल्का सा भी हम अगर बीमार पड़ते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर के पास भागते हैं।
2025 की थीम है ‘मास्क के पीछेः देखभाल करने वालों की देखभाल’ उन लोगों की देखभाल की आवश्यकता को उजागर करती है जो हमारी देखभाल करते हैं। यह थीम इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करती है कि दूसरों की सेवा करते समय, डॉक्टर अक्सर अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करते हैं। इस थीम का उद्देश्य बेहतर कार्य परिस्थितियां, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और समाज से उनके लिए उचित सम्मान सुनिश्चित करना है। बहुत से लोग इस दिन का उपयोग अपने देश में डॉक्टर्स द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों का सम्मान करने के लिए करते हैं। एक डॉक्टर मरीज को स्वस्थ करते हुए आशा नहीं खोता-वह हर चुनौती का जोरदार मुस्कान के साथ सामना करता है, चाहे परेशानी एवं बीमारी कितनी भी गंभीर क्यों न हो।
वास्तव में डॉक्टर्स की निःस्वार्थता एवं सेवाभावना उन्हें रोगियों के लिए स्वर्गदूत बनाती है, एक फरिश्ते के रूप में वे जीवन का आश्वासन बनते हैं और उनका बलिदान-योगदान उन्हें मानवीय सेवा का योद्धा बनाता है। डॉक्टर्स डे डॉक्टरों द्वारा समुदायों के उपचार, सुरक्षा और समर्थन में अक्सर बड़ी व्यक्तिगत कीमत पर निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करता है। डॉक्टर्स न केवल महामारी या संकट के दौरान बल्कि हर दिन, गांवों, कस्बों और शहरों में मेडिकल प्रोफेशनल्स द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका की सार्वजनिक स्वीकृति के रूप में कार्य करता है। सामान्य चिकित्सकों से लेकर विशेषज्ञों और सर्जनों तक, यह दिन उन सभी का सम्मान करता है जिन्होंने उपचार और सेवा करने की शपथ ली है। इस दिवस पर मरीज और समुदाय भी कृतज्ञता और आशा की कहानियां साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। जैसाकि भारत नई सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहा है, राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस एक उत्सव और एक ऐसी प्रणाली बनाने के लिए कार्रवाई का आह्वान है, जहां डॉक्टरों को न केवल देखभाल करने वाले के रूप में सम्मानित किया जाता है, बल्कि बदले में उनकी सुरक्षा, सम्मान और देखभाल भी की जाती है। डॉक्टर कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं जो सिर्फ बीमारी का निदान और उपचार करने से कहीं आगे तक फैली हुई हैं। उनके काम में चिकित्सा ज्ञान, चिकित्सा नवाचार, संचार और करुणा का संयोजन शामिल है ताकि रोगियों को पूरी तरह से सहायता मिल सके, नये भारत-सशक्त भारत के निर्माण में उनकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है।
डॉक्टरों की भूमिकाएं उनके काम करने के स्थान के आधार पर अलग-अलग होती हैं। अस्पतालों में, वे विशेष उपचार या आपातकालीन देखभाल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। क्लीनिकों और ग्रामीण केंद्रों में, वे अक्सर सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि चिकित्सा सहायता दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों तक पहुँचे। इन विविध जिम्मेदारियों के माध्यम से, डॉक्टर व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, तथा हर दिन सकारात्मक बदलाव लाते हैं। भारत चिकित्सा नवाचार और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता है। भारत देश केवल एक विशाल आबादी वाला देश नहीं है, बल्कि इसने चिकित्सा-क्रांति को घटित करते हुए दुनिया में चिकित्सा-सेवा के नये दीप प्रज्ज्वलित किये हैं। डॉक्टर बनना आसान नहीं है, फिर भी आप इसे बड़ी सहजता से और हमेशा मुस्कुराते हुए करते हैं। हर कोई डॉक्टर नहीं बन सकता क्योंकि हर किसी के पास मरीजों को निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं देने के लिए ज्ञान, कौशल और धैर्य नहीं होता।
हर बीमारी के लिये एक एक्सपर्ट होता है। अगर आपको सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार या फिर मौसमी बीमारी ने जकड़ लिया है तो आपको फिजिशिनय या जनरल फिजिशियन से मिलना चाहिए। वहीं आंख, कान, नाक, टॉन्सिल, सिर या गर्दन की समस्या के लिये ईएनटी स्पेशलिस्ट होते हैं। ये साइनस का भी इलाज करते हैं। अगर आपको दिल से जुड़ी कोई दिक्कत है तो कार्डियोलॉजिस्ट के पास जाना बेहतर होता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल के बढ़ने पर आप इन डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा अगर आप तनाव में रहते हैं तो साइकोलॉजिस्ट से मिलना होता है। कैंसर की बीमारी के लिये आपको ओन्कोनोजिस्ट के पास जाना चाहिए। अगर आपको आंखों में कोई समस्या है, जलन, खुजली, रेडनेस या इन्फेक्शन से जूझ रहे हैं तो इसके लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाएं। प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी, या फिर ब्रेस्ट, यूटीआई, पीरयड्स, की समस्या हो रही है तो गायनोकोलॉजिस्ट की मदद लें। दिमागी बीमारी के लिये न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है। कई बार सही डॉक्टर से समय पर इलाज न मिलने की वजह से भी बीमारी और बढ़ जाती है। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं मानवीयता जैसे सभी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने एवं उनको स्वस्थ बनाने के लिए अनुभवी एवं विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवाएं वरदान है। डॉक्टर्स भगवान का रूप होते है, वे ही इंसान के जन्म के पहले साक्षी बनते हैं और उनमें करुणा एवं स्वस्थता का बीज बोते है। एक रोगी को स्वस्थ करने में वे अपना सब कुछ हंसते हुए दे देते हैं, चाहे उनका अपना पारिवारिक सुख हो, करियर हो, जीवन की खुशियां हो या सपने हों, सबकुछ झांेक देते है।
डॉक्टर्स अपने सुख-दुख को त्याग कर मरीजों के लिए जीते हैं, समाज को रोगमुक्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, कोविड संक्रमण के दौरान डॉक्टर्स ही थे, जो एक योद्धा की तरह हर मुश्किल घड़ी में अपनी जान की परवाह किये बिना मरीजों के साथ घंटों लगातार ड्यूटी कर रहे थे। कई डॉक्टर्स ने अपनी जान भी गंवा दी। इन डॉक्टर्स के बलिदान को भी आज के दिन याद किया जाता है। डॉक्टरों की सेवाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे बीमारियों का निदान, उपचार और रोकथाम करते हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित होता है। वे आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षक सहायता प्रदान करते हैं और बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं। डॉक्टर लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के बारे में शिक्षित करते हैं, जिससे वे अपनी बीमारियों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और उनका प्रबंधन कर सकते हैं। डॉक्टर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सहायता और उपचार प्रदान करते हैं। डॉक्टर स्वास्थ्य अभियानों और कार्यक्रमों में भाग लेकर समुदायों में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक अभिन्न अंग हैं और समाज के समग्र कल्याण में योगदान करते हैं। आम दिन हो या महामारियांे के खिलाफ जंग, ये डॉक्टर्स बिना किसी डर के सहजता और उत्साह से अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। इसलिए नहीं कि यह उनका काम है और उसके लिए उन्हें पैसे मिलते हैं। इसलिए कि वे सबसे पहले दूसरों के स्वस्थ होने और उनकी जान की फिक्र करते हैं, ऐसी मानवीय सेवाएं देने वाले इन डॉक्टर्स रूपी अद्भूत फरिश्तों के सम्मान, कल्याण एवं प्रोत्साहन का चिन्तन अपेक्षित है। उससे निश्चित ही डॉक्टर्स की सेवाएं अधिक सक्षम, प्रभावी एवं मानवीय होकर सामने आयेगी।
(ललित गर्ग)
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