कुत्ते कार की छत पर क्यों बैठते हैं?

आपने देखा होगा कि कुत्ते कई बार कार की छत पर बैठ जाते हैं। इसी प्रकार निर्माणाधीन मकान के पास बजरी के ढेर पर भी बैठना उनको पसंद होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि कुत्ते इस प्रकार का व्यवहार क्यों करते हैं?
वस्तुतः कुत्ते स्वभाव से क्षेत्रीय जानवर होते हैं। जब वे ऊंचाई, जैसे कार या मिट्टी का टीले पर बैठते हैं, तो उन्हें आसपास के इलाके पर नजर रखने में आसानी होती है। यह उनके लिए सुरक्षा और नियंत्रण की भावना देता है। कुत्ते अपने शरीर की गंध से इलाके को चिन्हित करते हैं। वे किसी जगह पर बैठकर उस पर अपनी गंध छोड़ते हैं ताकि अन्य जानवरों को संकेत मिल सके कि यह उनका इलाका है। कभी-कभी ऊंचाई पर बैठना अन्य जानवरों को संदेश देता है कि यह कुत्ता मुखिया या बॉस है। यह प्राकृतिक पशु-मनःस्थिति का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त ऊंचाई पर बैठकर कुत्ता आने-जाने वालों, आवाजों या संभावित खतरों पर नजर रख सकता है।
इसी सिलसिले में एक कहावत आपने सुनी होगी- अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है। वो इसलिए कि वह खुद को अपनी गली का राजा मानता है। किसी भी अन्य कुत्ते, सूअर, बिल्ली आदि को वह प्रवेश नहीं करने देता। आसन की महत्ता हम इंसान तो जानते ही हैं, एक कुत्ता तक इसका महत्व जानता है। वह गली में निर्माणाधीन मकान के पास डाले गए बजरी के ढ़ेर पर चढ़ कर बैठता है, और यह अहसास करता है मानो किसी सिंहासन पर बैठा हो।
फोटो-जाने माने बुद्धिजीवी श्री अनिल जैन की फेसबुक वाल से साभार।

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