इस बार होगी निर्दलियों की पौ-बारह

आगामी नगर निगम चुनाव का ताना बाना बुना जा रहा है। चुनाव लडने के इच्छुक नेता वार्डों के परिसीमन व आरक्षण की घोशणा का इंतजार कर रहे हैं। फिलवक्त संभावित स्थिति के मद्देनजर जमीन पर सक्रिय बने हुए हैं। इस बार का चुनाव अपेक्षाकृत अधिक रोचक होने की संभावना है। दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस व भाजपा में अंतर्विरोध के चलते सारे समीकरण गड्डमड होते दिखाई दे रहे हैं। खींचतान मची हुई है। सबसे पहले तो टिकट वितरण को लेकर तलवारें खिंचेंगी। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में धडेबाजी उभर कर आएगी। बेषक दोनों दलों के हाईकमान सुलह करते हुए टिकट वितरण की कोषिष करेंगे, मगर इतना पक्का है कि जिनको टिकट नहीं मिलेगा, वे या तो निर्दलीय मैदान में उतरेंगे, या फिर भीतरघात करेंगे। राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस बार निर्दलियों की पौ बारह होगी। ऐसे में बोर्ड किस दल का बनेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता। जहां तक मुद्दों का सवाल है, एलिवेटेड रोड के निर्माण में हुई अनियमितता व भारी बरसात के कारण जगह जगह हुए जल भराव जनमानस को उद्वेलित किए हुए है। समझा जाता है कि चुनाव आने तक आम मतदाता के मनसपटल से ये मुद्दे विस्मृत नहीं होंगे। कांग्रेस इन्हीं का सिरा पकड कर वैतरणी पार करने की कोषिष करेगी, वहीं भाजपा केन्द्र व राज्य में अपनी सरकार का लाभ लेना चाहेगी। मोदी फैक्टर भी काम करेगा। ऐसे में भिडंत तगडी होगी। निर्भर इस पर करेगा कि कौन कितना एकजुट हो कर चुनाव लडता है। कयास है कि इस बार एक बार फिर मेयर का चुनाव डायरेक्ट होगा, इस पर भी दावेदारों की नजर बनी हुई है।

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