नई दिल्ली, 9 अक्टूबर, 2025- भारत के सबसे प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक सिंबायोसिस इंटरनेशनल युनिवर्सिटी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में 6-7 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित 20वें फिक्की हायर एजुकेशन समिट 2025 में एक प्रायोजक और प्रमुख नॉलेज पार्टनर के तौर पर अपनी सक्रिय भागीदारी सफलतापूर्वक पूरी की। इस समिट से पूर्व 5 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली के ताज महल होटल वाइस चांसलर्स-सीईओ गोलमेज बैठक का आयोजन किया गया था।
“हायर एजुकेशन इन ए ट्रांसफॉर्मिंग वर्ल्डः ब्रिजिंग बॉर्डर्स, बिल्डिंग फ्यूचर्स” थीम वाले फिक्की हायर एजुकेशन समिट का 20वां संस्करण, दो दशकों की वार्ता और वैश्विक शिक्षा परिदृश्य को आकार देने की कार्रवाई का प्रतीक है। 2004 में शुरू हुआ यह समिट, टिकाऊ विकास और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के लिए शिक्षा को एक उत्प्रेरक के तौर पर प्रोत्साहित करते हुए नीति निर्माताओं, शिक्षा क्षेत्र के लोगों और उद्योग को जोड़ने वाले भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है।
इस ऐतिहासिक आयोजन में 70 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए 1,200 से अधिक प्रतिनिधि और 2000 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। इनके साथ ही युनिवर्सिटी के लीडर्स, नीति निर्माता, नोबल पुरस्कार विजेता और उद्योग विशेषज्ञ भी इसमें शामिल हुए। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए और उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के साथ ही 11वें फिक्की हायर एजुकेशन एक्सिलेंस अवार्ड्स भी प्रदान किए।
पुरस्कार वितरण समारोह का मुख्य आकर्षण लिजेंडरी इंस्टीट्यूशन बिल्डर अवार्ड रहा जो दूरदृष्टि और भारतीय एवं वैश्विक उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी योगदान के लिए सिंबायोसिस इंटरनेशनल युनिवर्सिटी के संस्थापक और चांसलर प्रोफेसर (डाक्टर) एस.बी. मजूमदार को प्रदान किया गया। प्रोफेसर मजूमदार को यह सम्मान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए अंतरराष्ट्रीय समझ बढ़ाने की उनकी पांच दशकों की लंबी यात्रा को देखते हुए दिया गया जिसने सिंबायोसिस को अकादमिक क्षेत्र में एक वैश्विक ब्रांड के तौर पर स्थापित किया है।
इस आयोजन को संबोधित करते हुए सिंबायोसिस इंटरनेशनल युनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डाक्टर विद्या येरावडेकर ने कहा, फिक्की हायर एजुकेशन समिट भारत की उच्च शिक्षा कूटनीति को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। जैसा कि हम इस समिट के दो दशकों और एनईपी 2020 के पांच वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, हमारा ध्यान नवप्रवर्तन, समावेशिता और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के जरिए वैश्विक स्तर पर सक्षम संस्थानों के निर्माण पर चाहिए।
फिक्की हायर एजुकेशन कमेटी की चेयर और सिंबायोसिस इंटरनेशनल युनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डाक्टर विद्या येरावडेकर ने इस समिट के एजेंडे को आकार देने में एक अहम भूमिका निभाई। उनके साथ फिक्की हायर एजुकेशन कमेटी के को-चेयर और सोमैया विद्याविहार ग्रुप के अध्यक्ष श्री समीर सोमैया, फिक्की हायर एजुकेशन कमेटी के को-चेयर एवं मणिपाल एकैडमी ऑफ हायर एजुकेशन के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डाक्टर) एमडी वेंकटेश और फिक्की के वरिष्ठ सलाहकार श्री मानब मजूमदार भी शामिल हुए।
इस दो दिवसीय समिट में कई पूर्ण सत्रों और नीतिगत वार्ताओं का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षा, अनुसंधान नवप्रवर्तन और वैश्विक मोबिलिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही इसमें “फ्यूचर रेडी कैंपसेसः अनलॉकिंग दि पावर ऑफ एआई इन हायर एजुकेशन” विषय पर केंद्रित फिक्की-ईवाई पर्थेनॉन नॉलेज रिपोर्ट का भी अनावरण किया गया जिसमें यह संभावना खंगाली गई कि कैसे एआई संस्थागत दक्षता को गति दे सकता है, सीखने के परिणाम बढ़ा सकता है।
एक प्रमुख नॉलेज पार्टनर के तौर पर एसआईयू ने भारत के शिक्षा कूटनीति एजेंडा के अनुरूप अंतरराष्ट्रीयकरण और सीमा पार गठबंधन पर परिचर्चा का नेतृत्व किया। इस युनिवर्सिटी ने ऑस्ट्रेलिया की डीकिन युनिवर्सिटी और शास्त्री इंडो-कनाडाई इंस्टीट्यूट जैसे रणनीतिक साझीदारों के साथ वैश्विक जुड़ाव गहरा करने के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा में भारत की अग्रणी स्थिति और मजबूत की।
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के विजन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एसआईयू ने अपने दिल्ली एनसीआर (नोएडा) कैंपस में सिंबायोसिस सेंटर फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन (एससीआईई) स्थापित करने की घोषणा की। यह सेंटर दूतावासों, सरकारी एजेंसियों और बहुपक्षीय संगठनों के साथ संपर्क के लिए के हब के तौर पर काम करेगा और अकादमिक कूटनीति एवं अंतरराष्ट्रीय साझीदारी को बढ़ावा देगा।
फिक्की हायर एजुकेशन समिट 2025 के संपन्न होने के साथ सिंबायोसिस इंटरनेशनल युनिवर्सिटी एक वैश्विक शिक्षा केंद्र के तौर पर भारत की उभरती भूमिका में निरंतर सहायक बनी हुई है और सीमाओं को समाप्त कर रही है, भविष्य का निर्माण कर रही है और दुनियाभर में सीखने वालों को सशक्त बना रही है।