इस दिन ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म ‘स्टेज’ पर होगा रिलीज
गाज़ीपुर साहित्य उत्सव 2025 इस बार खास बन गया जब क्षेत्रीय ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म ‘स्टेज’ ने अपनी आगामी भोजपुरी हास्य फिल्म ‘बकलोल्स’ का शानदार टीज़र लॉन्च किया। गाज़ीपुर साहित्य उत्सव 2025 के मंच पर जब यह टीज़र दिखाया गया तो दर्शकों की तालियों से पूरा माहौल गूंज उठा। यह फिल्म अपने देसी अंदाज़, ज़मीनी हंसी और मानवीय भावनाओं के संगम से लोगों के दिलों में जगह बना रही है। इस दौरान फिल्म के पूरी कास्ट – लेखक सत्य व्यास, अभिनेता मनोज सिंह टाइगर, रवि शर्मा (मुन्ना), इंदर सिंह (बाबू), अशोक मांझी (जुम्मन), रिया नंदनी (बेला) और ‘स्टेज’ की भोजपुरी मार्केटिंग मैनेजर स्नेहा सिंह मौजूद रहीं। इस फिल्म इस दिसंबर में रिलीज होगी।
मौके पर अभिनेता मनोज सिंह टाइगर, जो फिल्म में ‘बेनीलाल’ की भूमिका निभा रहे हैं, ने अपने किरदार को लेकर कहा — “बेनीलाल ऐसा इंसान है जो हर गाँव में होता है — सीधा-सादा, मजाकिया, लेकिन दिल से सच्चा। यह फिल्म सिर्फ हँसाने के लिए नहीं, बल्कि अपनेपन का एहसास कराने के लिए बनी है।” उनके इस बयान पर दर्शकों ने तालियों से उनका स्वागत किया। फिल्म के अन्य कलाकारों ने भी साझा किया कि ‘बकलोल्स’ पूर्वांचल के युवाओं की जिंदगी, उनके संघर्ष, सपनों और सामाजिक ताने-बाने को सहज हास्य के माध्यम से बयाँ करती है।
इस दौरान ‘स्टेज’ की प्रतिनिधि स्नेहा सिंह ने बताया कि यह प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और भाषा की आवाज़ है। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि वे कहानियाँ जो अब तक सुनी नहीं गईं, उन्हें दुनिया तक पहुँचाया जाए। ‘बकलोल्स’ उसी सोच का हिस्सा है — जो हंसी के साथ समाज की गहराई को भी छूती है।” वहीं, लेखक सत्य व्यास ने कहा कि यह कहानी गाँव-शहर के उस आम इंसान की है जो सपने देखता है, संघर्ष करता है और हँसते हुए जीवन को जीता है।
कार्यक्रम के दौरान फिल्म का टीज़र दिखाए जाने पर दर्शकों ने इसकी हास्य प्रस्तुति, संवाद और स्थानीयता की प्रामाणिकता की जमकर तारीफ की। फिल्म की टीम ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि पूर्वांचल की बोली, भावनाओं और जीवनशैली को दर्शाना है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म पूर्वी भारत के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
‘स्टेज’ ओटीटी की ओर से ये घोषणा की गयी कि ‘बकलोल्स’ दिसंबर 2025 में विशेष रूप से उनके प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ की जाएगी। यह फिल्म न केवल दर्शकों को हँसी से लोटपोट करेगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि स्थानीय कहानियों में भी वैश्विक अपील छिपी होती है। ‘स्टेज’ ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि भारत का क्षेत्रीय कंटेंट अब सीमाओं से परे जाकर लोगों के दिलों में जगह बनाने को तैयार है।