साहित्य युवाओं के चरित्र निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है : अनिल सक्सेना ‘ललकार’
नसीराबाद । नसीराबाद में आयोजित ‘राजस्थान का साहित्यिक आंदोलन’ कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं आंदोलन के संस्थापक अनिल सक्सेना ‘ललकार’ का प्रेरक मुख्य व्याख्यान केंद्र में रहा। उन्होंने कहा, “साहित्य केवल किताब नहीं, बल्कि युवाओं के चरित्र निर्माण और मन के विकास की सबसे बड़ी शक्ति है। जब विद्यार्थी साहित्य से जुड़ते हैं, तो उनमें संवेदनशीलता, तर्कबुद्धि और समाज को दिशा देने की क्षमता विकसित होती है।”
सक्सेना ने भारतीय संस्कृति, भाषा-संवर्धन, नैतिक मूल्यों तथा शिक्षा व्यवस्था पर आधुनिक प्रभावों के संबंध में विस्तृत विचार व्यक्त किए। उन्होंने रामायण और महाभारत के प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी जड़ों, संस्कृति और साहित्य से जुड़ने की प्रेरणा दी।
यह एक दिवसीय व्याख्यान एवं परिसंवाद यूथ मूवमेंट राजस्थान, न्यू संस्कृति स्कूल तथा श्री बालाजी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (आईटीआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
गौरतलब है कि राजस्थान का साहित्यिक आंदोलन वर्ष 2010 में अनिल सक्सेना ‘ललकार’ द्वारा प्रारंभ किया गया, जो पिछले 15 वर्षों से प्रदेशभर में साहित्यिक चेतना, युवा नेतृत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सतत अभियान चला रहा है।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के प्रदेश महासचिव अशोक लोढा ने आंदोलन की पृष्ठभूमि, उद्देश्यों और भावी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। संस्था निदेशक योगेश सोनी ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप राय ने राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम और यूथ मूवमेंट की गतिविधियों का परिचय दिया।
संवाद सत्र : छात्रों और अध्यापकों के सवाल
परिसंवाद सत्र में अध्यापिका ज्योति रील, छात्र राहुल सहित कई विद्यार्थियों ने साहित्य, करियर, मीडिया और समाज से जुड़े सवाल पूछे। सभी प्रश्नों का समाधान स्वयं अनिल सक्सेना ‘ललकार’ ने दिया। यह चरण कार्यक्रम का सबसे जीवंत और शिक्षाप्रद सत्र रहा।
विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रस्तुतियाँ
न्यू संस्कृति स्कूल और आईटीआई के विद्यार्थियों ने कविता, निबंध और भाषण प्रस्तुत कर कार्यक्रम में रचनात्मक ऊर्जा का संचार किया।छात्र राहुल सिंह, जय सिंह, तक्षत रावत और गणेश ने कविता सुनाई। छात्र नितेश, विशाल रावत, दीपेंद्र सिंह और कश्मीर सिंह ने निबंध सुनाया। छात्रों की प्रस्तुतियों को अतिथियों और उपस्थित जनों ने भरपूर सराहना दी।
शिक्षकों और संस्थान का सहयोग
आईटीआई के अध्यापक प्रेमचन्द और लोकेंद्र, तथा न्यू संस्कृति स्कूल के शिक्षक-स्टाफ जयप्रकाश, लक्ष्मी, अर्चना, रेखा, निर्मला, पूजा, भावना, ज्योति रील आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस अवसर पर पत्रकार दिलीप राय शर्मा, योगेंद्र बुलचन्दानी, निखिल गुर्जर, श्याम सिंह सांखला और अनिल लोहरे भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने जगाई नई साहित्यिक चेतना
यह आयोजन नसीराबाद में साहित्यिक और सांस्कृतिक जागरण को नई प्रेरणा देने वाला सिद्ध हुआ। मुख्य व्याख्यान, विद्यार्थियों की प्रस्तुतियाँ और संवाद सत्र ने कार्यक्रम को अत्यंत प्रभावी और सार्थक बनाया। आयोजक संस्थानों ने घोषणा की कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला निरंतर जारी रहेगी।