बिमटेक के आईसीएमसी 2025 का सफल समापन; आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रो. भरत भास्कर ने केस स्टडीज़ तथा केस राइटिंग पर साझा किए महत्वपूर्ण विचार

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक), ग्रेटर नोएडा ने 26 से 28 नवंबर 2025 तक 14वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैनेजमेंट केसेज़ (आईसीएमसी 2025) का सफल आयोजन किया। यह सम्मेलन एक वैश्विक मंच के रूप में स्थापित है, जो शिक्षण और शोध आधारित केस स्टडीज तथा केस राइटिंग  को प्रोत्साहित करता है और शिक्षा जगत एवं उद्योग के बीच संवाद को मजबूत बनाता है।

सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम अहमदाबाद) के निदेशक प्रो. भरत भास्कर की विशिष्ट उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने केस-आधारित शिक्षण पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे प्रबंधन शिक्षा का आधार बताया।

इस वर्ष आईसीएमसी में दो प्रमुख की-नोट सत्र आयोजित हुए। पहला सत्र आइवी पब्लिशिंग की प्रोडक्ट एवं पब्लिशिंग डायरेक्टर सुश्री वायोलेटा गैलाघर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली केस स्टडीज की वैश्विक अपेक्षाओं और केस लेखकों के कौशल-विकास पर विस्तृत चर्चा की। दूसरे सत्र में सेज के सीनियर मैनेजिंग एडिटर श्री राहुल कुमार शर्मा ने केस प्रकाशन के बदलते परिदृश्य, संपादकीय प्रक्रिया और प्रैक्टिस-आधारित केस स्कॉलरशिप में उभरते अवसरों पर अपने विचार साझा किए।

प्रो. भरत भास्कर ने कहा, “केस स्टडी पद्धति प्रबंधन शिक्षा का मूल है। आज के गतिशील व्यावसायिक वातावरण में इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि निर्णय लेने की वास्तविक समझ विद्यार्थी इसी के माध्यम से प्राप्त करते हैं।”

सुश्री वायोलेटा गैलाघर ने कहा, “आज के विद्यार्थी समावेशिता, न्याय, स्थिरता और नैतिकता को गहराई से महत्व देते हैं। बतौर केस शिक्षक हमें ऐसे केस लाने होंगे जो उनके अनुभवों और वास्तविकताओं से मेल खाते हों।”

श्री राहुल कुमार शर्मा ने कहा, “प्रकाशन जगत में ईमानदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। केस लेखकों और शोधकर्ताओं को अपने कार्य में उच्च नैतिक मानकों का पालन करना चाहिए।”

इस मौके पर बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रवीणा राजीव ने कहा, “पिछले 14 वर्षों से आईसीएमसी, बिमटेक की सार्थक केस शोध और प्रैक्टिस-आधारित प्रबंधन शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण रहा है। इस वर्ष प्रस्तुत विविध केस स्टडीज और गहन चर्चाएँ व्यवसाय और समाज की बदलती वास्तविकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं तथा प्रभावी ज्ञान-सृजन में सम्मेलन की उत्प्रेरक भूमिका को और सुदृढ़ करती हैं।”

इस वर्ष सम्मेलन में भारत, जापान, अमेरिका, थाईलैंड, लिथुआनिया, फ़िनलैंड और यूएई सहित अनेक देशों के 100 से अधिक केस लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हुए। चौदह विषयगत ट्रैकों में 70 से अधिक शिक्षण एवं शोध-आधारित केस स्टडीज प्रस्तुत की गईं, जिनमें नेतृत्व, मानव व्यवहार, स्थिरता, रणनीतिक नवाचार और परिवर्तन प्रबंधन जैसे विषय शामिल थे।

सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण था छठा केस मास्टर डेवलपमेंट वर्कशॉप, जिसका शीर्षक था—“Advance Your Case Writing with आइवी पब्लिशिंग।” सुश्री गैलाघर ने प्रतिभागियों को सारगर्भित एवं आकर्षक केस स्टडीज और शिक्षण-नोट तैयार करने की प्रक्रिया समझाई तथा आइवी पब्लिशिंग की प्रस्तुति एवं समीक्षा प्रणाली पर व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया। इस कार्यशाला में विशेष रूप से युवा शोधकर्ताओं और पहली बार केस लिखने वाले प्रतिभागियों का उत्साह देखने योग्य था।

आईसीएमसी 2025 में “Meet the Editors” फोरम का भी आयोजन किया गया, जिसमें निम्न प्रमुख संपादकीय विशेषज्ञ उपस्थित रहे:

डॉ. एरिक डोलनस्की (एडिटर-इन-चीफ, केस रिसर्च जर्नल)

डॉ. माइक एनिट (एसोसिएट एडिटर, द केस जर्नल – एमराल्ड)

डॉ. वर्जीनिया बोडोलिका (एडिटर-इन-चीफ, इमर्जिंग मार्केट्स केस स्टडीज – एमराल्ड)

डॉ. अंजन घोष (सीनियर एसोसिएट एडिटर, FIIB रिव्यू और SAJBMC – सेज)

इन विशेषज्ञों ने केस प्रकाशन के मानकों, संपादकीय निर्णय प्रक्रिया और केस स्कॉलरशिप के भविष्य पर अत्यंत उपयोगी मार्गदर्शन दिया। सम्मेलन के दौरान आइवी पब्लिशिंग, सेज और द केस सेंटर द्वारा प्रायोजित नौ केस अवॉर्ड भी प्रदान किए गए, जिनमें रचनात्मकता, शोध की गहराई, संदर्भ की समृद्धि और वास्तविक जीवन में प्रभाव जैसे मानकों को सम्मानित किया गया।

14वें आईसीएमसी का समापन उत्साह और प्रेरणा के साथ हुआ। इस संस्करण ने बिमटेक के उस मिशन को और सशक्त किया, जिसके तहत वह वैश्विक केस लेखकों और शिक्षकों के मजबूत समुदाय को विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। विविध दृष्टिकोणों, शोधकर्ताओं और अनुभवी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर आईसीएमसी 2025 ने यह सिद्ध किया कि केस पद्धति आज भी प्रबंधकीय सोच और व्यवहार को दिशा देने में अत्यंत प्रभावी है।

15वें आईसीएमसी का आयोजन दिसंबर 2026 के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा, जो यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित परियोजना KODECET के सहयोग से संपन्न होगा।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!