जयपुर की एक अदालत ने मानसागर झील लीज धोखाधड़ी प्रकरण में गिरफ्तार उद्योगपति नवरतन कोठारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। एसीजेएम-4 सुरेश प्रकाश भट्ट ने कोठारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जमानत प्रार्थना पत्र में गलत तथ्य पेश किए गए थे। प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है और उसे कोर्ट में पेश किया जा चुका है, जबकि ऐसा नहीं हुआ है। न्यायाधीश ने कहा कि जब देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर व्याप्त है तब 2,500 करोड़ रुपए की संपत्ति को सिर्फ 2.5 करोड़ में किसी व्यक्ति विशेष को लीज पर देना गंभीरतम प्रकृति का अपराध है।
अभियुक्त के खिलाफ जो आरोप हैं उसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है और सह अभियुक्त के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। इसलिए प्रार्थी को जमानत नहीं दी जा सकती।