गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के आरएसएस और भाजपा के खिलाफ दिए विवादास्पद बयान के खिलाफ गुरुवार को भाजपा देशव्यापी प्रदर्शन जोर-शोर से जारी है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि शिंदे के बेतुके बयान के बाद सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह माफी मांग और तुरंत गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को बर्खास्त करें। उन्होंने कहा कि भाजपा की इन तीनों मांगों को माने जाने तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दिग्विजय सिंह द्वारा हाफिज सईद को सम्मान देने पर उनकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इतने पर भी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खामोशी रहे। उन्होंने पीएम के किसी भी मुद्दे पर बयान न देने पर चुटकी भी ली। उन्होंने कांग्रेस की इस रणनीति को वोटबैंक की राजनीति करार दिया।
दिल्ली के अलावा लखनऊ, कानपुर, चंडीगढ़, आगरा और पटना समेत देश के सभी बड़े शहरों में यह प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दिल्ली में जंतर-मंतर पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी वोट बैंक की घटिया राजनीति के चलते इस तरह के बेबुनियाद बयान दे रही है। कुछ जगहों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का पुतला भी फूंका गया है। कुछ जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया।
गौरतलब है कि शिंदे ने जयपुर में अपने भाषण के दौरान कहा था कि भाजपा और आरएसएस के कैंपों में हिंदू आतंकवाद का बढ़ावा मिल रहा है। इस बयान के बाद से ही भाजपा शिंदे को बिना शर्त माफी मांगने और सरकार से उन्हें तुरंत हटा देने की मांग कर रही है।
भाजपा ने कहा है कि वह हिंदुओं का यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा द्वारा प्रदर्शन के ऐलान के बाद आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर भाजपा के कई बड़े नेता इसमें हिस्सा लेंगे। भाजपा ने शिंदे के बयान के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने को कहा है। हालांकि शिंदे के बयान के बाद उठे तूफान को शांत करने के लिए कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने यह तक कहा था कि शिंदे की जुबान फिसल गई थी। लेकिन भाजपा इतने से मानने वाली नहीं दिखाई दे रही है।
इस बीच दिल्ली की साकेत कोर्ट में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ एक याचिका भी दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि शिंदे के बयान से हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है और समुदायों के बीच नफरत फैल सकती है।
इस याचिका शिंदे के बयान को 2014 के चुनावों में अल्पसंख्यक वोटों को आकर्षित करने का हथकंडा कांग्रेस करार दिया गया है। इस मामले की सुनवाई सोमवार 28 जनवरी को होनी तय है।