आडवाणी को पाकिस्तानी बताने पर कड़ा ऐतराज

अजमेर। सिंधी समाज अजमेर ने कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद की ओर से देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी को पाकिस्तानी कहे जाने पर कड़ा ऐतराज किया है। साथ ही मांग की है कि शकील अहमद माफी मांगते हुए अपना बयान वापस लें।
सिंधी समाज ने एक संयुक्त बयान जारी कर लेकर कहा है कि शकील अहमद का बयान पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित प्रलाप है और तथ्यों के आधार पर यह बयान पूरी तरह से निराधार है। उनके इस बयान से देश के हर सिंधी की भावना आहत हुई है। सब जानते हैं कि पाकिस्तान आजादी के पहले हिंदुस्तान का ही अंग था। पाकिस्तान तो अस्तित्व में आया ही विभाजन के बाद। विभाजन के बाद श्री लालकृष्ण आडवाणी सहित सभी सिंधी अपने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए मौजूदा भारत के विभिन्न स्थानों पर आए। ऐसे में उन्हें पाकिस्तानी कैसे कहा जा सकता है? यदि शकील अहमद को अब भी समझ में नहीं आती तो उनसे सवाल है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी तो हैं ही इटली की और शादी के बाद भारत आई हैं, क्या उनमें इतना साहस है कि वे यह कह सकें कि विदेशी सोनिया के कारण देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में है। इसी प्रकार देश के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी विभाजन से पहले तत्कालीन पाकिस्तान में रहते थे, तो क्या उनसे देश को खतरा नहीं है। क्या शकील अहमद को यह नहीं दिखता कि वे सत्ता का सुख भोग रहे हैं। बेहतर होता कि आडवाणी के बारे में बयान देने के साथ वे सोनिया व मनमोहन सिंह से भी इस्तीफे की मांग करते। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के नेता अपने आठ साल के कुशासन से खुद ही दिग्भ्रमित हो गए हैं और आगामी चुनाव में हार की आशंका से असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार की दुर्भावनापूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं।
सिंधी समाज ने चेतावनी दी है कि अगर शकील अहमद ने अपना बयान वापस नहीं लिया तो कांग्रेस को उसके परिणाम भुगतने होंगे। बयान जारी करने वालों में कंवल प्रकाश किशनानी, भगवान कलवानी, गिरधर तेजवानी, हरीश वरियानी, एम टी भाटिया, बलराम हरलानी, भवानी शंकर थदानी, आईजी भंभानी, राम मटाई, मनोहर मोटवनी आदि शामिल हैं।
 -कंवल प्रकाश किशनानी
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