संसद भवन के दोषी को शनिवार सुबह फांसी होने के साथ इस हमले की भेंट चढ़े शहीदों को न्याय मिल गया। 2001 में यह हमला जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने किया था। इसी संगठन से अफजल गुरु जुड़ा हुआ था। उसने भी पाक में जाकर आतंकी ट्रेनिंग ली थी।
कब क्या हुआ :-
21 जून 2011 :- गृहमंत्रालय ने खारिज की अफजल गुरु की दया याचिका।
21 जनवरी 2013 :- गृहमंत्रालय ने अफजल गुरु की फांसी पर अपनी रजामंदी दी।
3 फरवरी 2013 :- राष्ट्रपति ने उसकी फांसी पर दस्तखत कर मुहर लगाई
4 फरवरी 2013 :- गृहमंत्री ने अफजल गुरु की फांसी पर दस्तखत कर मुहर लगाई।
8 फरवरी 2013 :- गृहमंत्रालय की बैठक में फांसी का दिन शनिवार को तय किया गया।
8 फरवरी 2013 :- फांसी देने को लेकर कोर कमेटी बनाई गई।
8 फरवरी 2013 :- अफजल गुरु को डेथ वारंट पढ़कर सुनाया गया।
9 फरवरी 2013 [सुबह 5:30 बजे] :- फांसी की जगह पर ले जाया गया।
9 फरवरी 2013 [सुबह 7:00 बजे] :- अफजल गुरु के स्वस्थ्य की जांच की गई।
9 फरवरी 2013 [सुबह 7:30 बजे] :- फांसी की प्रक्रिया शुरु की गई।
9 फरवरी 2013 [सुबह 8:00 बजे] :- जेल नंबर तीन में दी गई फांसी
9 फरवरी 2013 [सुबह 8:15 बजे] :- अफजल गुरु को डाक्टरों ने मृत घोषित किया।
9 फरवरी 2013 [सुबह 9:00 बजे] :- तिहाड़ जेल में दफनाया गया अफजल गुरु।