अरुण जेटली फोन टेपिंग में आरोपी सिपाही के नवाबी ठाठ

national-arun-jaitley-phone-tapping-case-two-more-arrested 2013-2-19

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर । भाजपा नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली के मोबाइल फोन का अनधिकृत सीडीआर निकलवाने के प्रयास में गिरफ्तार दिल्ली पुलिस का सिपाही बुलंदशहर के गांव अहमदानगर का रहने वाला है।

मंगलवार को गांव जाने पर पता चला कि डबास फोन टेपिंग के जरिए धन वसूली का धंधा करता था। उसका नेटवर्क नोएडा, देहरादून जैसे बड़े शहरों में फैला है, जिससे उसने अथाह संपत्ति अर्जित की है।

अरविंद डबास ने एसीपी (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त) की ऑफिशियल मेल से भाजपा नेता के मोबाइल की कॉल डिटेल (सीडीआर) पाने के लिए मोबाइल कंपनी के पास आग्रह भेजा था। कंपनी ने एसीपी को फोन किया तो मामले का खुलासा हुआ। अरविंद नई दिल्ली केसंसद मार्ग थाने में तैनात था और डेढ़ साल से ड्यूटी से अनुपस्थित था। पुलिस पूछताछ में सिपाही के देहरादून के दो भाजपा नेताओं से संपर्क में होने की भी बात सामने आई है। गांव में पता चला है कि पुलिस की नौकरी के साथ वह नोएडा की एक आटोमोबाइल वर्कशाप का मैनेजिंग डायरेक्टर भी है। इसके अलावा कुछ दोस्तों के साथ उसने देहरादून में जमीन का कारोबार भी फैला रखा है। सूत्रों की मानें तो अरविंद डबास फोन टेपिंग के जरिए धन वसूली के धंधे में भी माहिर था और पुलिस की नौकरी मिलने के बाद उसने इसी रास्ते से अकूत संपत्ति पैदा की है।

नवाबी ठाठ

जब भी अरविंद डबास अपने गांव अहमदानगर आता था तो हर बार नई चमचमाती लग्जरी कार होती थी। ग्रामीणों ने बताया कि वह शुरू से ही तेज तर्रार रहा है। ठाठ भी नवाबी रहे हैं। उसे नौकरी की कोई चिंता नहीं थी वह तो सिर्फ बिजनेस बढ़ाने में लगा था। चचेरे भाई मनीष डबास ने बताया कि वह जब भी गांव आते थे तो देहरादून में करोड़ों रुपया फंसा होने की बात कहते थे। इसको लेकर वह काफी परेशान भी चल रहे थे।

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