नई दिल्ली। शीला दीक्षित ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा है कि दिल्ली पुलिस में सतर्कता की कमी है। दिल्ली पुलिस को ट्रेनिंग की जरूरत है। गौरतलब है कि शीला दीक्षित दिल्ली गैंगरेप के बाद लगातार दिल्ली पुलिस की काबिलियत पर सवाल उठा रही हैं।
उधर बिजली के बयान पर अपनी सफाई पेश देते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया था। ज्ञात हो कि दिल्ली में बिजली की कीमतों में वृद्धि को जायज ठहराते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा था कि यदि दिल्ली के लोगों को चौबीस घंटे बिजली चाहिए तो उन्हें इसके बदले पूरी कीमत भी चुकानी पड़ेगी। उन्होंने उपभोक्ताओं को यह नसीहत भी दे डाली कि यदि आप चाहते हैं कि बिजली का बिल कम आए तो आप कम बिजली फूंकिए। यदि कूलर चलाते हैं तो बस एक पंखा चलाकर काम निकाल लीजिए, बिल अपने आप कम हो जाएगा।
राजधानी के छतरपुर में रविवार को आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जब बिजली आपको चौबीस घंटे चाहिए तो बिल महज पांच घंटे का तो नहीं आ सकता। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि यदि आप बिजली के बिल के तौर पर मोटी रकम चुकाने से बचना चाहते हैं तो बिजली की खपत को कम कीजिए। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढि़यां बड़ी मुश्किल से यकीन करेंगी कि कभी इसी शहर में सात से आठ घंटे तक बिजली की कटौती की जाती थी।
बिजली की कीमतों में वृद्धि को ठीक बताते हुए उन्होंने कहा कि बिजली के उत्पादन की कीमत में भारी इजाफा हुआ है। ऐसे में आम उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली नहीं दी जा सकती।
प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष विजय गोयल ने आरोप लगाया कि ऐसा करके दीक्षित निजी बिजली कंपनियों का पक्ष ले रही हैं। निजी बिजली कंपनियां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं लेकिन इसकी जांच करने के बदले लोगों को कम बिजली खपत करने की नसीहत दे रही हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के इस बयान से यह संकेत भी मिल रहे हैं कि राजधानी में बिजली की कीमतें में दोबारा इजाफा होने वाला है। इसकी पुष्टि पिछले दिनों दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग द्वारा दिल्ली सरकार को भेजी गई रिपोर्ट से भी हो गई।