अजमेर। राजकीय सावित्री कन्या महाविद्यालय में गैर अनुदानित शैक्षणिक और अशैक्षणिक कर्मचारी शुक्रवार से लगातार दो दिनों के धरने पर बैठ गये। धरने के माध्यम से कर्मचारियों ने अपनी आवाज शासन, प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश की है। वहीं कर्मचारीयों ने नौकरी वापस नही मिलने के सूरत में सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग भी की है। महाविद्यालय की खेल प्रशिक्षक सुनीता शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार ने महाविद्यालय को अधिग्रहित तो कर लिया है मगर इस कॉलेज में बरसों से सेवारत शिक्षकों के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया। जिससे सेवारत कार्मिको के भविष्य पर खतरे के बादल मण्डराने लगे हैं। धरने पर बैठे 18 शिक्षकों और कार्मिको ने वेतन नहीं मिलने और स्थाईकरण नहीं होने से खफा होकर इच्छामृत्यु की मांग की है।
गौरतलब है कि यह स्कूल सन् 2014 मे अपनी स्थापना के गौरवशाली सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस संस्थान के शिक्षकों ने कई संकटों का सामना करते हए इसे शिक्षा के एक बड़े और भव्य मंदिर के रूप में स्थापित करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। ऐसे में अब ये देखना होगा कि सरकार इस ऐतिहासिक संस्थान में सेवारत शिक्षको का अस्तित्व बचा पायेगी या नही।