अजमेर। काग्रेंस समर्थित यूपीए सरकार द्वारा भ्रष्ट्राचार और मंहगाई के सारे रिकॉर्ड इसी कार्यकाल में तोड़ दिये जायेगें। जब से सरकार ने अपने हाथ खड़े कर पेट्रोल और डीजल को अनियत्रिंत बाजार के हवाले किया है तभी से कंपनियों को हर उपभोक्ता करोडपति नजर आने लगा है। अचानक पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर उपभोक्ता की हार्टबीट मापी जा रही है। गुरूवार को संसद में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आम बजट पेश कर आम उपभोक्ताओं के मुंह से निवाला छिनने की कोशिश की वहीं शुक्रवार शाम जिस वक्त राज्यसभा का सत्र चल रहा था ठीक उसी वक्त पेट्रोलियम कंपनियों ने 1 रू 40 पैसे की मूल्य वृद्धि कर आमजन को सडकों पर लाने का कृत्य किया जिससे देश का हर आम नागरिक गुस्से में है। हर महीने में पेट्रो पदार्थों के दाम मनचाहे तरीके से बढाये जा रहे है लेकिन सरकार के हाथ में अब कुछ भी नही रहा। जनता चाहे जितना प्रदर्शन करे, विरोध करे, रोती रहे, चिल्लाती रहे लेकिन सरकार के कान पर जूंह रेंगने वाली नहीं है क्योंकि सरकार ने पेट्रो पदार्थों को जून 2010 में ही नियत्रंण मुक्त कर दिया था। तब से 20 बार पेट्रोल के दाम बढाये जा चूके हैं।