पिछले 40 सालों से केवल पुलिस थानो की भरमार

2013-3-23 jaipurइस्लाम धर्म के अनुसार माँ की गोद से लेकर कब्र तक शिक्षा देने की मूल भावना की परम्परा को भूलकर मुस्लिम समाज ने भंयकर भूल की है, उनको जाग्रत करके मानसिक बदलाव लाने की युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जानी चाहिये। उक्त मत अज राज्य के गरीब एवं पिछड़े मुसलमान बाहुल्य क्षेत्र मेवात में शिक्षा एवं स्वास्थ्य में बढ़ोतरी पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला मे जामिया मिलिया इस्लामियाँ विश्व-विद्यालय के इस्लामिक स्टडीज़ के विभागाध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर अख़्तर-उल- वासे ने व्यक्त किया। प्रो. वासे ने कहा कि धर्म का सदुपयोग करके सामाजिक वातावरण बनाने के लिए प्रगतिशील विचारों को फैलाकर नई सोच विकसित करनी होगी।

शिक्षा की ओर ध्यान नहीं दिये जाने पर चिंता
2013-3-23 jaipur d ljfdसोसाइटी फोर ऑल राउण्ड डेवेलपमेंट, (सार्ड) द्वारा अन्तराष्ट्रीय संगठन सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में यूनेस्को के पूर्व वरिष्ठ शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. शंकर चौधरी, मिल्ली काउंसिल ऑफ इंडिया के मुजाहिद नक़वी, सेव द चिल्ड्रन के राज्य समंवयक प्रभात कुमार, राजस्थान राज्य अल्पसंख्क आयोग के सदस्य सुब्हान ख़ान, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. जुनैद हारिस, बाल कल्याण संरक्षण आयोग के सदस्य-एमिड के नूर मोहम्मद, यू.एन.डी.पी. के डॉ. आदेश चतुर्वेदी, राज्य रिसोर्स सेंटर निदेशक डॉ. सुधांशु जैन आदि ने मुख्य रूप से मेवात क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र मंे विशेष प्रयास किए जाने पर ध्यान आकर्षित किया।
सार्ड के मुख्य कार्यकारी सुधीर भटनागर ने कार्यशाला उद्देश्यों की जानकरी देते हुए कहा कि मेवात क्षेत्र के लिए आवश्यकता के अनुसार बजट का प्रवधान नहीं किया जाना और दिए जाने वाले बजट भी पूरा खर्च नहीं होना चिंता का विषय है उन्होने मेवात क्षेत्र कि दिशा एवं दशा बदलने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ सरकारी योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में भूमिका निभाने का आहृान किया। सेव द चिल्ड्रन के प्रभात कुमार ने मेवात क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र के बीच ”गेप” को कम करने का सुझाव दिया। अल्प संख्यक आयोग के सदस्य सुब्हान ख़ान ने कहा कि सरकारी योजनाओं की कमी नहीं है लेकिन जानकारी के अभाव में तथा मेवात क्षेत्र की जनता की उदासीनता के कारण लाभ नहीं पहुँच रहा है।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में मेवात के सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की चुनौतियों पर राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक विभाग के उप निदेशक सउद अख़्तर, भरतपुर के अतिरिक्त स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी हरिन्द्र सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी देवेन्द्र कुमार, अलवर व भरतपुर के खण्ड शिक्षा अधिकारी पंकज, खुशी राम, महिला बाल विकास भरतपुर के कार्यक्रम अधिकारी राजेश डोगीवाल ने चर्चा में भाग लिया।
आखिरी सत्र में मेवात क्षेत्र के विकास के संदर्भ में इम्पेक्ट के जुनैद, एस. एम. सहगल फाउण्डेशन के कार्यक्रम अधिकारी वी. आर. पुनीया, चैरैटी एड फण्ड के रोहित, चिराग़-ए-मेवात के मुंशी खाँ, हज कमेटी के निज़ामुद्दीन ने निजी सहभाहिता माध्यम में कार्य करने के बारे में बताया। इस क्षेत्र में आगे की कार्यवाही को व्यूह रचना की भूमिका यूनेस्को के पूर्व शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. शंकर चौधरी ने की। कार्यशाला का संचालन सार्ड से मनमोहन गुप्ता ने किया।

-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार 

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