कहरवा की प्रस्तुति में सालोदिया व सिद्ध की अहम भूमिका

-शरद गोयल, संयोजक – जवाहर रंगमंच पर कला अंकुर संस्था द्वारा भारतीय षास्त्रीय संगीत एवं राजस्थानी लोक संगीत पर आधारित युज़न कहरवा की अनूठी प्रस्तुति में गायक के रूप में श्री उमराव सालोदिया व तबले पर संगत के रूप मे डॉ विजय सिद्ध की अहम भूूमिका रही। आइये इन दोनों महानुभावों के बारे में कुछ जानेंः-
श्री उमराव सालोदिया
u m salodiyaक्हरवा यूजन के ग्रुप लीडर वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी एवं प्रसिद्ध गायक श्री उमराव सालोदिया न केवल एक कुषल प्रषासनिक अधिकारी हैं अपितु गायन के क्षेत्र में भी भारत ही नहीं अपितु विदेषों में भी अपनी विषेष पहचान बना चुके हैं।
आप राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा जोधपुर व कोटा में आयोजित कार्यक्रम, पष्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा उदयपुर, सूरत व औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा भोपाल एवं इलाहबाद में आयोजित कार्यक्रम, राजस्थानी नाइट, अलीगढ़, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला नई दिल्ली, भारतीय सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद द्वारा जयपुर व दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम, सुर सिंगार परिषद, मुम्बई द्वारा आयोजित आचार्य बृहस्पति संगीत सम्मेलन जैसे अनेक प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में अपनी सफल प्र्रस्तुति दे चुके हैं।
श्री उमराव सालोदिया ने अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा प्रायोजित मारीषस, जोहन्सबर्ग, प्रिटोरिया, लेनेषिया में अपने अनेक सफल कार्यक्रम प्रस्तुत किय हैं।
आपने अपने कुषल नेतृत्व, प्रेरणा, तथा उत्साहवर्धन से कहरवा फयूजन को नई ऊँचाइयों तक पहँुचाकर यह साबित किया है कि किस प्रकार से कठिन परिश्रम और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है।
उनका संपर्क सूत्र है-
”समभाव“
बी-4/21 सैक्टर-4
चित्रकूट, वैषाली नगर
जयपुर, राजस्थान
[email protected]
मोबाइल-09413330073

डॉ. विजय सिद्ध
कहरवा यूजन के प्रणेता एवं निर्देषक डॉ. विजय सिद्ध ने देष के लगभग सभी महत्वपूर्ण संगीत सम्मेलनों के साथ-साथ अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, कनाडा, ग्रेनाडा, इंग्लैंड, जमैका, सेंट लुसिया सहित अनेक देषों में भी अपने सफल कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं। आप राजस्थान के प्रथम व एकमात्र तबला-वादक हैं जिन्होंने तबला विषय में षोधकार्य कर पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है। डॉ. विजय सिद्ध को भारत सरकार द्वारा 2004 से 2007 तक भारतीय संगीत एवं तबला का प्रषिक्षण एवं प्रचार-प्रसार करने हेतु पोर्ट आफ स्पेन, ट्रिनिडाड एवं टबैगो में भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र, भारतीय उच्चायोग में सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप प्रतिनियुक्त किया गया था। आपको उत्कृष्ट तबला-वादन हेतु ’नाद-रत्न’, ’ताल-मणि’, ’रिद्म-डाक्टर’, ’तबला-माइस्ट्रो’ जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में आप राजस्थान संगीत संस्थान, जयपुर में तबला प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
इनके लिये राजस्थानी लोक संगीत एवं षास्त्रीय संगीत पर आधारित कहरवा यूजन अपने सपने के साकार होने जैसी अनुभूति हैं। औपचारिक रूप से भारतीय संगीत की षिक्षा ग्रहण करने तथा राजस्थानी संगीत विरासत में प्राप्त होने के कारण इन दोनों के मिश्रण की असीम संभावनाओं को तलाषते हुए डा. विजय सिद्ध ने कहरवा यूजन का एक अभिनव प्रयोग किया है जिसे आम आदमी से लेकर संगीतज्ञ तक तथा संगीत प्रेमी से लेकर संगीत समीक्षक तक सभी ने सराहा है।
उनका संपर्क सूत्र है-
47, गोपाल नगर-ए
गोपालपुरा रोड, जयपुर।
मोबाइल-09460984645
[email protected]

 

शरद गोयल
शरद गोयल

error: Content is protected !!