हौसला व जज्बा साथ, पांव बने हाथ

handicaped-savita-writing-in-board-exam-by-legकानपुर [जासं]। कहते हैं मन में सफलता की चाह हो और जज्बा मजबूत हो तो कोई भी परेशानी आड़े नहीं आती। बोर्ड परीक्षार्थी रिंकी सविता इन दोनों के जरिये ही विकलांगता को मात देकर आगे बढ़ रही है। उसके हाथ नहीं हैं, लेकिन उसने दसवीं बोर्ड परीक्षा में हेल्पर नहीं लिया। पूरा पर्चा पैरों से ही तीन घंटे के भीतर हल कर दिया।

मिर्जापुर निवासी रिंकी शिवकुमारी विद्या मंदिर बालिका इंटर कालेज मसवानपुर की छात्रा है। उसने कक्षा नौ में पचास फीसद से अधिक अंक हासिल किए थे। शनिवार को बोर्ड परीक्षा केंद्र पंडित लक्ष्मी शंकर सरस्वती इंटर कालेज सिद्धार्थ नगर में संयुक्त शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय ने रिंकी के हौसले को देखा तो सराहना की। उन्होंने सरस्वती जी का प्रतीक चिह्न देकर परीक्षार्थी का उत्साह बढ़ाया। छात्रा आटो से जीटी रोड तक आने के बाद एक किलोमीटर पैदल चलकर परीक्षा केंद्र पहुंचती है।

पाण्डेय ने कहा कि छात्रा ने हाथ न होने पर हिम्मत नहीं हारी। उसके जज्बे को किसी हेल्पर की जरूरत नहीं है। पानी पीने तक के लिए भी वह किसी का सहारा नहीं लेती है।

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