सरबजीत की हालत बेहद नाजुक, पाकिस्तान पहुंचे परिजन

sarabjits-family-granted-visa-to-leave-for-pak-todayनई दिल्ली। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे भारतीय नागरिक सरबजीत से मिलने के लिए उनके परिजन रविवार को बाघा बार्डर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे। कुछ देर में परिजन लाहौर पहुंच जाएंगे। इससे पहले परिजनों ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेका और सरबजीत की सलामती की दुआ मांगी। वहीं, पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को सरबजीत से मिलने से रोक दिया है।

सरबजीत के परिवार के चार सदस्यों को पाकिस्तान ने शनिवार को वीजा जारी किया था। इनमें से परिवार का एक सदस्य अस्पताल में सरबजीत सिंह के साथ रह भी सकेगा। इस बीच, लाहौर की कोट लखपत जेल में जानलेवा हमले का शिकार हुए सरबजीत की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।

सरबजीत सिंह पर हमले और उसकी गंभीर हालत पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी चिंता जताई है। उन्होंने इसे बेहद दुखद घटना करार दिया है। भाजपा ने इस हमले को भारतीय विदेश नीति की नाकामी बताते हुए कहा है कि सरबजीत की तरह ही भारतीय विदेश नीति भी कोमा में है। पाकिस्तान में सरबजीत की सेहत पर भारतीय उच्चायोग बराबर नजर रखे हुए है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह सरबजीत पर हुए इस हमले से मैं बहुत दुखी हैं। सभ्य दुनिया में ऐसा बर्ताव कभी नहीं हुआ था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि जेल में कुछ कैदियों ने उन पर हमला किया। इस मामले के भावनात्मक पहलुओं और संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय पक्ष लगातार पाकिस्तान के राजनयिकों के संपर्क में है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, यह बहुत दुखद घटना है। भारत सरकार को इस मामले में बहुत सख्त व प्रभावशाली कदम उठाने चाहिए। सरबजीत की घटना ने अंतत: यह साबित कर दिया कि भारत का कूटनीतिक प्रभाव खत्म हो गया है व विदेश नीति सरबजीत की तरह ही कोमा में चली गई है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने सरबजीत व अन्य मुद्दों पर सरकार को रीढ़ विहीन करार दिया है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो संभव होगा, किया जाएगा। फिलहाल हम सरबजीत के इलाज में पाकिस्तान को हर मदद मुहैया कराने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि घटना के आधार पर सरबजीत को वापस लाने के लिए दबाव बनाया जाएगा। इस बीच, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने घटना की निंदा करते हुए जिम्मेदार लोगों को सजा की मांग की है।

स्वर्गीय चमेल सिंह के बेटे दीपक सिंह ने भी सरबजीत पर हमले और उनकी गंभीर हालत के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। 15 जनवरी को पाक जेल में बंद भारतीय कैदी चमेल सिंह की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने उनकी मौत का कारण हृदयाघात बताया था। उन्होंने कहा है कि इस हमले के लिए केंद्र जिम्मेदार है। अगर पाकिस्तान की जेल में मेरे पिता की मौत के समय भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया होता, तो सरबजीत पर हमला न होता।

स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस मामले में कहा कि पाकिस्तान को लोकतंत्र और मानवता पर कोई भरोसा नहीं है। हमने करोड़ों रुपये खर्च मुंबई हमले के दोषी आतंकी की फांसी तक कड़ी सुरक्षा की। उधर सरबजीत सिंह पर हुए जानलेवा हमले पर गुस्साए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार को कमजोर बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विदेश नीति पूरी तरह से अंधकारमय है और सभी मोर्चो पर विफल रही है, जिसमें सरबजीत का मामला भी शामिल है।

मोदी ने एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘पाक में मौत की सजा पाए सरबजीत के मामले को अपवाद के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। सभी घटनाएं इस सरकार की नाकामी और कमजोरी का प्रमाण हैं। इटली के नौसैनिकों से जुड़ी कानूनी लड़ाई हो या पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों का सिर काट ले जाने का मामला या चीन की घुसपैठ का मसला हो, सभी केंद्र की नाकामी के सुबूत हैं।’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एक के बाद एक सामने आ रही घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि भारत सरकार प्रभावी ढंग से सच्चाई पेश नहीं कर पा रही है। ऐसा लग रहा है कि हमारे रुख को मजबूती से रखने या पड़ोसियों को अपनी ताकत बताने या अपनी राजनयिक क्षमता प्रदर्शित करने में हम पूरी तरह से विफल रहे हैं।’ मोदी की इस टिप्पणी को गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह कुछ भी बोल सकते हैं।

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