भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने 2014 के आम चुनावों के नतीजों के बारे में टिप्पणी कर फिर से बहस को जन्म दे दिया है.
आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि 2014 में होने वाले लोक सभा चुनाव में गैर कांग्रेसी, गैर भाजपा प्रधानमंत्री का बनना संभव है. उनके मुताबिक ये प्रधानमंत्री ऐसी सरकार की अगुआई कर सकता है जिसे कांग्रेस या भाजपा में से एक का समर्थन हासिल हो.
भाजपा नेता ने मिसाल देते हुए लिखा है कि चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, देवे गौड़ा और इंदर कुमार गुजराल को कांग्रेस ने समर्थन दिया था जबकि विश्व नाथ प्रताप सिंह को भाजपा ने. हालांकि आडवाणी ये भी लिखते हैं कि ऐसी सरकारें लंबे समय तक चल नहीं पाई हैं.
आडवाणी ने तो यहाँ तक कह दिया है कि हैरत की बात नहीं होगी अगर अगले चुनाव में कांग्रेस की सीटों का आँकडा 100 से भी नीचे रहे. उनका कहना है कि अगर कांग्रेस अब तक आम चुनाव को टाल पाई है तो वो सिर्फ ‘सीबीआई’ की वजह से.
आडवाणी के इस ब्लॉग पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसा लिखकर आडवाणी खुद मान रहे हैं कि उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आएगी.
अपने ब्लॉग में आडवाणी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा दिए भोज का जिक्र है जिसमें उनकी दो कैबिनेट मंत्रियों से अनौपचारिक बातचीत हुई.
आडवाणी लिखते हैं, “इन मंत्रियों की बातों से आशंका साफ झलक रही थी. इन्हें आशंका है कि लोक सभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में से कोई भी ऐसा गठबंधन नहीं बना पाएँगी जिसके पास बहुमत हो. इन्हें लगता है कि 2013 या 2014 में जब भी चुनाव होते हैं तीसरे मोर्चे की सरकार बन सकती है. कांग्रेस मंत्रियों के मुताबिक ये भारतीय राजनीति और राष्ट्रीय हितों के लिए अच्छी बात नहीं होगी.”
इसी के उत्तर में भाजपा नेता ने गैर कांग्रेसी, गैर भाजपा प्रधानमंत्री के बनने की बात उठाई है.
उन्होंने लिखा है कि कर्नाटक की गतिविधियों के बावजूद सर्वे बताते हैं कि कांग्रेस की गिरती साख का फायदा भाजपा को मिल रहा है.
उन्होंने यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए लिखा है कि ये सरकार अपने सहयोगियों को भी साथ लेकर नहीं चल पाई.