कर्नाटक: भाजपा ने मुंह की खाई, कांग्रेस के ‘हाथ’ में सत्ता आई

karnataka-results-congress-expected-to-gain-more-seats-thanबेंगलूर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को करारा झटका लगा है, वहीं कांग्रेस की सत्ता में वापसी तय हो गई है। प्राप्त रुझानों के मुताबिक कांग्रेस ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। अब तक सभी 223 सीटों से रुझान प्राप्त हो गए हैं जिसमें कांग्रेस 118, बीजेपी 37, जेडीएस 41, केजेपी 9 एवं अन्य 18 सीटों पर आगे चल रहे हैं। अब तक दस सीटों के परिणाम प्राप्त हुए जिसमें सात सीटों पर कांग्रेस और तीन सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चौतरफा घिरी पार्टी के लिए बड़ी राहत की बात होगी।

जानकारी के अनुसार कि येदियुरप्पा की केजेपी ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है। पेरियापटना विधानसभा सीट पर, बीजेपी उम्मीदवार के निधन के चलते चुनाव 28 मई तक के लिए टाल दिया गया है। 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है। पांच मई को हुए मतदान में राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

2008 में दक्षिण भारत में पहली बार कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनी थी। लेकिन आपसी खींचतान और येदियुरप्पा के पार्टी छोड़ने के कारण उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य में पार्टी सत्ता से बेदखल तो हो ही रही है, यहां वह तीसरे नंबर की पार्टी बनती दिखाई दे रही है।

पिछले विधानसभा चुनाव में 224 सीटों के लिए हुए मतदान में बीजेपी को 110 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 80 सीटें और जेडीएस को 28 सीटें मिली थीं। वर्ष 2008 में कुल 64.91 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

इस बीच, राज्य में कांग्रेस की जीत के साथ ही मुख्यमंत्री के नाम पर भी चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि वर्तमान में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावना है लेकिन वरिष्ठ नेता व केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा, के एच मुनियप्पा, जी परमेश्वर की संभावनाओं से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। खड़गे अभी गुलबर्गा से सांसद हैं और उन्होंने लगातार नौ बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया हुआ है, वहीं कृष्णा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वैसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि विधायक ही अपना नेता चुनेंगे, ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि पार्टी ऊपर से कोई मुख्यमंत्री नहीं थोपेगी।

उधर, कर्नाटक में हार के मद्देनजर भाजपा में मंथन का दौर शुरू हो चुका है। पार्टी ने शाम 4:30 बजे संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। इस बैठक में नरेद्र मोदी शामिल नहीं होंगे। पार्टी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने माना कि पार्टी को येदियुरप्पा की वजह से हार का सामना करना पड़ा।

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