भारतीय निजी कंपनियों के सहयोग से बनेंगे विमान

indian air force, private partnership, aircraft manufacture, invite bidनई दिल्ली। स्वदेशी वैमानिकी उद्योग को मजबूत करने की दिशा में अपनी तरह के पहले कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने एक निविदा जारी की है जिसका मूल्य 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक होने की संभावना है। यह निविदा भारतीय वायुसेना के एवरो विमानों की जगह 56 नए विमान लाने के लिए है जिनका उत्पादन भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियां करेंगी।

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि निविदा आठ विदेशी विक्रेताओं को जारी की गयी जिनमें अमेरिकी लाकहीड मार्टिन, स्वीडिश साब, रोसोबोरन एक्सपोर्ट, स्पेनिश एयरबस मिलेट्री, एलेनिया ऐरोनोटिका और ब्राजीलियाई एम्रेयर शामिल हैं। इन कंपनियों को भारत में 40 विमान तैयार करने के लिए भारतीय भागीदार की तलाश करनी होगी।

टाटा, महिन्द्रा डिफेंस सिस्टम्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एल एंड टी जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा कार्यक्रम के लिए विदेशी भागीदारों के साथ बोली लगाये जाने की संभावना है। रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इन विमानों को हासिल करने के वायुसेना के प्रस्ताव को हाल में मंजूरी प्रदान की थी।

छप्पन विमानों में से पहले 16 का विदेशी विक्रेताओं द्वारा उनकी उत्पादन सुविधा में उत्पादन किया जायेगा जबकि शेष का उत्पादन उनके भारतीय भागीदार की सुविधा में किया जायेगा। भारत में बनाये जाने वाले 16 विमानों में 30 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी होंगे। शेष 24 विमानों में स्थानीय तौर पर खरीदे गये और उत्पादित किया गया सामान लगाया जायेगा।

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