काबुल। तालिबान आतंकियों ने शुक्रवार शाम अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जमकर कहर ढाया। तालिबानियों ने एक के बाद एक कई बम धमाके किए। इन धमाकों में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। आतंकियों ने राजधानी के अति व्यस्त समझे जाने वाले बुर्ज-ए-शाहरारा इलाके में भारतीय दूतावास की खाली पड़ी पुरानी इमारत के निकट चार धमाके किए।
कार बम धमाका करने के बाद चार आत्मघाती हमलावरों ने संयुक्त राष्ट्र कार्यालय पर धावा बोल दिया। दहशतगर्दो ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के कार्यालय पर भी हमले की बात कही है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
काबुल के पुलिस प्रमुख अयूब सालंगी ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर पर आत्मघाती हमले की पुष्टि की है। उन्होंने इमारत के अंदर घुसे दो आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है। उनका कहना था कि बाकी बचे दो दहशतगर्दों और सुरक्षा बलों के बीच देर रात तक मुठभेड़ जारी थी। सालंगी के अनुसार आतंकियों ने शाम चार बजे के करीब भारतीय दूतावास की पुरानी इमारत के निकट एक जबरदस्त कार धमाका किया। जिससे संयुक्त राष्ट्र कार्यालय का दरवाजा उड़ गया और आतंकी लगातार गोलीबारी करते हुए इमारत के अंदर प्रवेश करने में कामयाब हो गए। वहां उनकी सुरक्षा बलों के साथ जबरदस्त मुठभेड़ हुई।
रायटर संवाददाता ने कुछ घायल पुलिसकर्मियों को इमारत से बाहर ले जाते हुए देखा। जबकि बाहर सीआइए के अस्थायी कार्यालय के बाहर हथियारबंद दहशतगर्दो से अफगान सेना के साथ-साथ नाटो में शामिल नार्वे के जवान मोर्चा ले रहे थे। दोनों ओर से भयंकर गोलीबारी और बमबारी चल रही थी। पुलिस ने हालांकि सीआइए कार्यालय पर हमले की पुष्टि नहीं की है।
पुलिस प्रवक्ता हशमत स्तांकजई के अनुसार दहशतगर्दो ने अफगानिस्तान की पब्लिक प्रोटेक्शन पुलिस फोर्स [एपीपीएफ] व खुफिया विभाग के मुख्यालय पर भी हमला बोला है। स्तांकजई के मुताबिक पहला धमाका शाम चार बजे के करीब हुआ। उसके बाद आधे घंटे के भीतर तीन और धमाके हुए। उन्होंने अचानक हुई इस गोलीबारी और बमबारी में कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है। इससे पूर्व 16 मई को तालिबान आतंकियों ने नाटो के एक दस्ते पर आत्मघाती हमला बोला था। जिसमें छह अमेरिकी जवान समेत 15 लोगों की मौत हुई थी।