
भाजपा जिलाध्यक्ष रासासिंह रावत, विधायक अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, पूर्व अध्यक्ष पूर्णाषंकर दषोरा, षिवषंकर हेड़ा, पूर्वमंत्री श्रीकिषन सोनगरा, पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेष जैन, प्रो.बी.पी.सारस्वत, अरविन्द यादव, धर्मेन्द्र गहलोत, सोमरत्न आर्य, कैलाष कच्छावा, सुरेन्द्रसिंह शेखावत, कंवल प्रकाष किषनानी, रमेष सोनी, नरपतसिंह, आनन्दसिंह राजावत, घीसू गढ़वाल, नीरज जैन, देवेन्द्रसिंह शेखावत, सरोज जाटव, डॉ. कमला गोखरू आदि नेताओं ने आज मुख्यमंत्री के सरकारी समारोह को भी राजनैतिक रूप देने पर उनकी निन्दा की है जब कार्यक्रम सरकारी था उद्घोषिका सरकारी थी ऐसे में मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष सहित कांग्रेसियों तथा पूर्व विधायकों का जमावड़ा कर सरकारी समारोह का कांग्रेसीकरण किया गया। इस सरकारी समारोह में मंच से कांग्रेस के छुट भइये नेता अजमेर की जनता पर यह दवाब डाल रहे थे कि सरकार ने कई जनहित की योजनायें लागू की है इसलिये आपको कर्जा चुकाने के लिये कांग्रेस को वोट देना है । लेपटाप वितरण समारोह में इस प्रकार का राजनैतिक भाषण देकर अजमेर की जनता को ब्लैकमेल करना भी निन्दनीय है ।
भाजपा ने कहां कि मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने लगातार अजमेर की घोर उपेक्षा की है और अजमेर की जनता उनके झासे में आने वाली नहीं है । आज की सभा में स्थिति यह रही कि जो थोड़े बहुत लोग भी आये उन्हे कांग्रेसी पार्षद सभा में यह झांसा देकर लाये कि उनके लिये पक्के मकानों की बात मुख्यमंत्री से करायेगें जबकि वास्तव में मुख्यमंत्री ने उनकी शक्ल तक नहीं देखी । भाजपा ने कहां कि अजमेर के इतिहास में यह पहला उदाहरण है कि किसी सरकारी कार्यक्रम का इस हद तक कांग्रेसीकरण हुआ है ।
भाजपा ने कहां कि राज्य की पूर्व यषस्वी मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के कार्यकाल में किये गये विकास के कार्यो तथा आमजन के प्रति जवाबदेही का ही परिणाम है कि उनकी सभाओं में अजमेर सहित पूरे राज्य में अपार जनसमूह उमड़ रहा है जबकि राज्य के मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने वसुन्धराजी के नेतृत्व में भाजपा के शासन वाली सरकार के द्वारा किये गये कार्यो का ही फीता काटा है अजमेर में झलकारी बाई स्मारक का लोकार्पण इसका जीता जागता उदाहरण है जो कि भाजपा शासन में तत्कालीन धरोहर एवं प्रोन्नति संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, विधायक अनिता भदेल तत्कालीन सांसद रासासिंह रावत पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेष जैन के प्रयासो से अजमेर में वीरागंना झलकारी बाई का स्मारक बन गया था ।