अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के पास विस्फोट, 9 मरे

aकाबुल / नई दिल्ली| अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में शनिवार को भारतीय वणिज्यदूतावास के पास एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार उड़ा दी। इस घटना में कम से कम नौ अफगानी नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 24 अन्य घायल हो गए हैं। लेकिन वाणिज्यदूतावास के सभी अधिकारी सुरक्षित हैं। मरने वालों में अधिकतर बच्चे हैं। घायलों में एक स्थानीय सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। विस्फोट पूर्वी अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद स्थित भारतीय वाणिज्यदूतावास के पास सुबह लगभग 10 बजे हुआ। नांगरहार प्रांत की सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “सुनियोजित आत्मघाती हमले में नौ नागरिकों की मौत हो गई। तीन हमलावर भी मारे गए।” सूत्रों के अनुसार, हमले से न तो वाणिज्य दूतावास को कोई नुकसान हुआ है और न इस घटना में कोई भारतीय कर्मचारी ही हताहत हुआ है। हालांकि आसपास के कई घरों एवं दुकानों को नुकसान पहुंचा है। घटना के बाद क्षेत्र में धुएं की एक मोटी परत देखी गई। फिलहाल किसी भी आतंकवादी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। प्रांतीय गवर्नर गुल आगा शिरजई तथा देश के आंतरिक मंत्रालय ने हमले की कड़ी निंदा की है। प्रांतीय पुलिस प्रमुख शरीफुल्ला अमीन ने कहा कि हमले में मरने वालों में सबसे अधिक बच्चे थे, जो पास की ही एक मस्जिद में धार्मिक शिक्षा ले रहे थे।
घटना के तुरंत बाद अफगानी सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया। प्रांतीय सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हमलावरों ने वाणिज्यदूतावास को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा अधिकारी सतर्क थे।” बयान में कहा गया है, “हमलावार सेडान कार से पहुंचे थे। वाणिज्यदूतावास के करीब पहुंचने के बाद कार से दो हमलावर उतर गए और उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन तीसरे व्यक्ति ने विस्फोटकों से भरी कार उड़ा दी, जिसके कारण लोगों की जान गई।”
इस बीच नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर लिखा, “जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विस्फोट हुआ। विदेश मंत्रालय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में है। सभी अधिकारी सुरक्षित हैं।” पिछले पांच वर्षो में अफगानिस्तान में भारतीय मिशन पर यह तीसरा बड़ा हमला है। इसके पहले अक्टूबर 2009 में तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमला कर दिया था, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में कोई भारतीय अधिकारी घायल नहीं हुआ था। इससे पहले जुलाई 2008 में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार भारतीय दूतावास परिसर में घुसा दिया था, जिसमें वरिष्ठ भारतीय राजनयिक वी. वेंकटेश्वर राव और ब्रिगेडियर रवि दत्त मेहता सहित 58 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 150 से अधिक घायल हो गए थे।

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