विवेकानन्द का संदेष गूंजा नाटक में

1अजमेर /राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा विगत 22 अगस्त से वैषाली नगर स्थित टर्निेग पाइंट पब्लिक स्कूल में आयोजित किये जा रहे 20 दिवसीय ‘‘बाल नाट्य प्रषिक्षण षिविर‘‘ के समापन के अवसर पर शुक्रवार 13 सितम्बर, 2013 को षिविर निर्देषक उमेष कुमार चौरसिया द्वारा लिखित व निर्देषित नाटक ‘नरेन्द्र से विवेकानन्द‘ का प्रभावी प्रदर्षन किया गया। नाट्यवृंद के सहयोग से प्रस्तुत इस नाटक के विविध दृष्यों में जिज्ञासु नरेन्द्र की ईष्वर दर्षन की उत्कंठा, रामकृष्ण परमहंस से प्रथम मिलन, खेतड़ी राजा अजित सिंह के यहां गणिका के भजन से अभिभूत होने, अलवर नरेष को मूर्तिपूजा का मर्म समझाने, श्रीपाद्षिला पर तीन दिन भारत के उत्थान का चिन्तन तथा षिकागो जाकर भारतीय सनातन धर्म का विष्व प्रबोधन करने की घटनाओं को आकर्षक व प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया। मैना बाई के भजन और विवेकानन्द के षिकागो धर्मसंसद में दिये भाषण ने दर्षकों की खूब तालियां बटोरी। सुन्दर मंच सज्जा, मंत्रोच्चार के कर्णप्रिय संगीत प्रभाव तथा पात्रों की सजीली वेषभूषा ने दर्षकों को खासा प्रभावित किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने सभी प्रतिभागी बच्चों को पारितोषिक देकर पुरस्कृत किया तथा संस्था निदेषक डॉ. अनन्त भटनागर ने अतिथियों का स्वागत किया व षिविर की जानकारी दी। डी. एल त्रिपाठी, अषोक सक्सेना, श्याम माथुर, पूनम पांडे, दिनेष अग्रवाल, गोविन्द भारद्वाज, श्वेता, डा. सुधा अग्रवाल इत्यादि भी उपस्थित रहे। प्राचार्या रष्मि जैन ने धन्यवाद ज्ञापित कियां।
अभिनय ने किया प्रभावित- नाटक में विवेकानन्द के तीन रूप जिज्ञासु नरेन्द्र, परिव्राजक सन्यासी व स्वामी विवेकानन्द की भूमिका में श्लोक निगम, रक्षित चौहान व तन्मय शर्मा तथा रामकृष्ण परमहंस की भूमिका में तनुल खण्डेलवाल के भावपूर्ण अभिनय को दर्षकों ने सराहा। मैनाबाई, अजित सिंह व श्रीमती हेल के रूप में मोनिका शेखावत, राहुल सैनी व दिवांषी मेहरा का अभिनय भी प्रभावी रहा। अन्य भूमिकाओं में शुभम राठौड़, महेन्द्र सिंह चौहान, यदुकृष्ण, हर्षवर्धन, रिषभ अग्रवाल, आयुष दाधीच, देवांष सोनी, लक्ष्य कुमार, तन्मय श्रीवास्तव, स्वीटी साल्वा व षिप्रा वैष्णव का अभिनय ने भी आकर्षित किया। वेदांषी व कुणाल आयंगर मंच सहयोगी रहे। मंच सज्जा, रूप सज्जा आदि में वर्षा चड्ढा, निषा सूद, पल्लवी जैन व रेखा वर्मा विषेष योगदान दिया।
-रष्मि जैन
प्राचाय

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