मोदी के नाम पर मुहर, क्या करेंगे आडवाणी

Narendra-modi-poster-newनई दिल्ली। बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। शुक्रवार की शाम एक संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा की। इसका फैसला संसदीय बोर्ड में लिया गया है। संस्दीय बोर्ड की बैठक में आडवाणी और मोदी दोनों मौजूद नहीं थे। इसके पहले बीजेपी ने अपने सभी प्रदेश अध्यक्षों को शुक्रवार दोपहर बाद प्रदेश कार्यालयों में मौजूद रहने को कहा था। संकेत साफ था कि संघ के पुख्ता समर्थन के सहारे राजनाथ ने पहले मोदी के नाम की घोषणा का मन बना लिया था।
मोदी के नाम की घोषणा के बाद आडवाणी ने राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी लिख कर अपनी नाराजगी का कारण उन्हें बता दिया है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने राजनाथ सिंह के काम करने के तरीके पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने मोदी के नाम की घोषणा पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा है कि यह सब जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। पार्टी के लिए इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
ऐसे में सवाल उठता है कि आडवाणी का अगला कदम क्या होगा? पार्टी के नेता भी आडवाणी के लेकर अशंकित हैं। पार्टी मान रही है कि वह कोई भी कड़ा कदम उठा सकते हैं। ऐसे में मोदी के नाम को लेकर कार्यकर्ताओं का उत्साह कम होने के साथ ही पार्टी की फजीहत भी होगी। मोदी के पीएम उम्मीदवार घोषित होने के बाद आडवाणी के पास अब क्या विकल्प होगा?
1. वह नरेन्द्र मोदी को अपना नेता मान लें और वक्त के साथ अपनी कटुता को कम करें। साथ ही सुषमा स्वराज और अपने दूसरे समर्थकों को मोदी टीम में उचित जगह दिलाएं।
2. पूरी तरह विद्रोही मुद्रा में आ जाएं और अपनी नाराजगी सार्वजनिक करें, फिर इसके अंजाम को झेलने का जोखिम लें।
3. 2014 के चुनाव नतीजे तक धैर्य रखें। चुनाव बाद जो हालात बनते हैं उनमें अपना राजनीतिक कौशल दिखाकर पार्टी के लिए सहयोगी दल जुटाने में मदद करें। अगर बीजेपी को अपने दम पर कम सीटें मिलती हैं तो वह अपने हिसाब से पीएम नाम भी तय करने की हालत में आ सकते हैं। जेडी (यू) ने अभी भी कहा कि आडवाणी के नाम पर उसे आपत्ति नहीं है।

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