स्टॉकहोम। इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा इसी महीने की जाएगी। पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई, कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे, रूस और बेलारुस के सामाजिक कार्यकर्ताओं को शांति के नोबेल का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। मगर साहित्य और शांति का नोबेल किसे मिलेगा इस पर चर्चा जोरों पर है। वर्ष 2013 में शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए रिकॉर्ड 259 नामांकन हासिल हुए हैं, इनमें 209 व्यक्तियों और 50 संगठनों के नाम शामिल है, लेकिन नोबेल पुरस्कार समिति कभी भी सूची को उजागर नहीं करती। शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा 11 अक्टूबर को की जाएगी। ओस्लो स्थित पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के क्रिस्टीयन बर्ग हार्पविकन वर्ष 2009 से संभावित विजेताओं की सूची जारी करते हैं। उनकी सूची में इस बार लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने के कारण तालिबान की गोली का निशाना बनी 16 वर्षीया मलाला का नाम सबसे ऊपर है। हालांकि नैतिक दृष्टि से कई लोग एक बच्ची को यह पुरस्कार देने के हक में नहीं हैं। स्टॉकहोम पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के टिलमैन ब्रुक का मानना है कि मलाला के बजाए यह पुरस्कार कोलंबिया के शांति वार्ताकारों या म्यांमार के सुधारवादियों को दिया जाना चाहिए। वहीं इतिहासकार एस्ले स्वीनका मानना है कि यह पुरस्कार डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को देना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद ग्रस्त कांगो में उन हजारों महिलाओं की मदद के लिए अस्पताल स्थापित किया है जिन्हें स्थानीय और विदेशी आतंकी अपनी हवस का शिकार बना लेते हैं।