अजमेर। सेंट एन्सलम् स्कूल में तीन दिवसीय कल्चरल फेस्टीवल और दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। फादर कैंशियश लिगोरी ने बताया कि तीन दिवसीय फैस्टीवल के दूसरे दिन शुक्रवार को स्कूल में बाल मेले का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ जि़ला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर वैभव गालरीया और बिशप पायस थोमस डिसूजा ने रिबन काट कर किया। इस बाल मेले को मतदाता जागरूकता मेले का नाम दिया गया। इस अवसर पर मेले में आने वाले सभी विधार्थीयों उनके परिजनो और अतिथियो को मतदान के प्रति जागरूक किया गया। मेले में अनेक प्रकार के चटपटे खाद्य पदार्थ जिसमे पानी पुरी, चाउमिन, पास्ता, आलू टिकिया, मसाला डोसा, पिज्जा बर्ग आदि की स्टोल के अलावा घोडे की सवारी, झुले, बाउंसी कैसल, बोट राईड सहित अनेक प्रकार के मनोरंजक आयोजन किए गए। जिसमें शाला के छात्र और अभिभावको ने भाग लेकर आनन्द उठाया। फादर कैंिशयश ने बताया की कल्चरल फेस्टीवल के तहत 26 अक्टूबर शनिवार को सीनियर वर्ग के लिए रेट्रो डांस और फैशन शो का आयोजन होगा।
फस्र्ट स्टेप स्कूल में शुक्रवार को नन्हे मुन्ने बच्चो ने दीपावली का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया। सबसे पहले भगवान राम के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर आरती की। उत्सव को रंगीन बनाने के लिए रंगोली सजाई गई। नन्हे मुन्ने बच्चे राम लखन, भरत, शत्रुध्न, हनुमान और मुनी वशिष्ठ बन कर आए। इस अवसर पर भगवान राम का राज तिलक किया गया। कार्यक्रम में नवरात्र की धूम भी नजर आई। इस अवसर पर खास मेहमान दिनेश तायल, राकेश तेपण, जीडी गर्ग सहित अनके महमान मौजूद थे।
राम राज्य में चहुॅ ओर सुख, समद्वि और वैभव है,प्रजा सुखी है ,संतुष्ट है। सर्वत्र राजा राम की महिमा का बखान किया जा रहा है। मर्यादा पुरूषोतम राम का यष व कीर्ति चारों और फैल रही है उनकी उदारता के चर्चे दूर -दूर तक हैं । सभी प्रसन्न हैं । इस रामराज्य की परिकल्पना साकार हुई शुक्रवार को माहेष्वरी पब्लिक स्कुल के दीपोत्सव कार्यक्रम में । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैभव गालरिया, जिलाधीष अजमेर थे । प्रधानाचार्य अषोक वैद्य ने बताया कि दीपोत्सव में विद्यार्थियो द्वारा श्रीराम जीवंत की सजीव प्रस्तुति दी गई । दीपोत्सव की शुरूआत गणेष -लक्ष्मी वंदना व मंगलाचरण से हुई ।,
रामकथा के प्रांरभ में राजा दषरथ का तीनो रानियो सहित पुत्र कामेष्टि यज्ञ करना परिणामस्वरूप राम,लक्ष्मण, भरत ,षत्रुघ्न का जन्म दर्षाया गया । बचपन में राम किस प्रकार बाल क्रीड़ा द्वारा माताओं को छकाते हैं। ठुमक -ठुमक कर चलत रामचद्र से चारो बालकांे की क्रीड़ाओ व नटखट पन का सुन्दर बिम्ब प्रस्तुत किया गया । बड़े होने पर, ऋषि विष्वामित्र राजा दषरथ से राम -लक्ष्मण को मांगते है जिस पर राजा दषरथ मुनि वषिष्ट के कहने पर राम-लक्ष्मण उन्हें सौंप देतें हैं । सीता अवतरण की कथा,राम लक्ष्मण का जनकपुर में प्रवेष, राम-सीता का प्रथम दर्षन व प्रेम मुग्धता तथा सीता का गौरी पूजन कर राम को वर रूप में मांगना आदि के माध्यम से राम कथा को आगे बढाया गया । तत्पष्चात राजा जनक की रंगषाला सीता स्वयंवर का आयोजन ,श्रीराम का षिव धनुष तोड़ना, परषुराम का क्रोध तथा लक्ष्मण परषुराम संवाद की नाट्य प्रस्तुति की गयी । अन्त मे सीता द्वारा जयमाला पहनाकर राम का पति रूप में वरण करने का दृष्य अत्यंत मोहक रहा। नृत्य के जरिये राम -सीता विवाह का उत्सव मनाया गया । इस प्रकार राम जन्म से लेकर सीता स्वयंवर तक की सजीव प्रस्तुति की गयी ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गालरिया ने मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम के आदर्ष चरित्र व गुणों केा आत्म सात करने की बात कही । उन्होने विद्यार्थियो को राम के सद्गणो को अपनाने की प्रेरणा दी। माहेष्वरी स्कूल के अध्यक्ष श्रीगोपाल राठी ने रामकथा प्रस्तुति की सराहना करते हुए वर्तमान संदर्भो में राम की प्रासंगिकता बतायी व भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता प्रतिपादित की । कार्यक्रम का संचालन शुभम अरोड़ा व दीक्षा माहेष्वरी ने किया तथा सम्पुण राम कथा का कथाकार उदद्ेष्य माथुर व मौलश्री ने किया । हैड गर्ल नेहा सोनी ने अन्त में धन्यवाद ज्ञापित किया ।