अजमेर। रूप चैदस का वर्णन पुराणो मे नरक चर्तुदशी के रूप में किया गया है। सदीयो से भारत में इस दिन हल्दी, उबटन और सुगंधीत तेल से स्नान करने की परम्परा चली आ रही है। ये माना जाता है कि तेल मे लक्ष्मी और जल में गंगोत्री निवास करती है। हमारी परम्पराएं विदेशीयो को भी इस पर्व की ओर आकर्षित कर रही है। विदेशी महिलाएं भी भारतीय महिलाओ की तरह श्रृंगार कर भारतीयता और उसकी संस्कृति को आत्मसात कर रही है। ना केवल महिलाएं बल्कि पुरूष भी सजना, संवरना चाहते है क्येाकि दिपावली के दिन भगवान रामचंद्र वनवास से अयोध्या लौटते हैं और सभी बन संवर कर शिव रूपी राम का स्वागत कर प्रार्थना करते है कि बाहरी सफाई के साथ प्रभु उन्हें आन्तरिक सफाई में सक्षम बना काम, क्रोध, मद, मोह रूपी रावण से मुक्ति दिलायें।
शनिवार को शहर के ब्युटी पार्लरों में नवयुवतीयों और विवाहिताओं ने 16 श्रृंगार के लिए पहले ही बुकिंग करा ली। शहर के अधिकतर ब्युटी पार्लर आबाद रहे।
वही दीपो के त्योहार दीपावली के स्वागत के लिए आतुर शहर दुल्हन की तरह सज गया है। नगर निगम की ओर सुभाष उद्यान, नया बाजार, दरगाह बाजार, गांधी भवन, केसरगंज, बजरंगढ चैराहा माता मंदिर सहित घरो पर भी सजावट और रोशनी की गई है।
