गोपाल भार्गव के नाम और पद का खुलेआम प्रर्दशन का मामला
-डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव- भोपाल / भले ही देश के चार राज्यो सहित मध्यप्रदेश में विधान सभा के आम चुनाव के चलते आर्दश आचार संहिता को लागु निर्वाचन आयोग ने कर दिया हो परन्तु इसका कितना पालन हो पा रहा है इस बात पर प्रश्र चिन्ह उठने की खबरें आये दिन प्रकाश में आती ही रहती हैं। फिलहाल हम आपका ध्यान उस जगह की ओर आकर्षित कराते हुये वास्तविकता से परिचित कराने जा रहे हैं जहां नियमों की धज्जियां खुलेआम उडायी जा रही हैं । यह नजारा है प्रदेश के दमोह और सागर मुख्य सडक मार्ग का जहां किसान प्रवेश द्वार के नाम पर लगे एक विशाल बोर्ड पर पं.गोपाल भार्गव का नाम साफ-साफ लिखा हुआ है जिसमें इनका पद कृषि मंत्री एवं मंडी बोर्ड अध्यक्ष लिखा हुआ है। ज्ञात हो कि श्री भार्गव मध्यप्रदेश की रहली विधानसभा से विधायक हैं और हाल ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में पार्टी द्वारा पुन:रहली क्षेत्र से टिकिट दी गयी है। यहां इस बात का उल्लेख कर देना भी आवश्यक हो जाता है कि इस सडक मार्ग से लगातार प्रशासन के सभी अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है और जिन प्रेक्षकों को चुनाव आयोग आस पास भेजा होगा वह भी यहीं से गुजरते हैं। आश्चर्य एवं लापरवाही का इससे बडा उदाहरण क्या हो सकता है कि श्री भार्गव भाजपा के पिछले कार्यकाल में उक्त पद का दायित्व निभा रहे थे जबकि वर्तमान में डा.कुसमरिया कृषि मंत्री हैं। कहने का मतलब है कि बोर्ड पर जो लिखा है वह पिछले चुनाव में भी लिखा रहा होगा । अब इसकी अनदेखी क्यों की जा रही है या फिर यह आचार संहिता के उलंघन में नहीं आता यह तो वह ही जाने परन्तु आम जनमानस में चर्चा तो व्याप्त है ही?