अजमेर। पांच दिन तक चलने वाला पंचतीर्थ स्नान बुधवार से शुरू हो गया। देवउठनी एकादशी के दिन हजारों लोगों ने सरोवर में डुबकी लगाकर पुजाअर्चना की। अलसुबह से ही श्रद्वालुओं का सरोवर के घाटों पर जमावडा शुरू हो गया और जैसे जैसे दिन बढा वैसे वैसे श्रद्वालुओं की संख्या भी बढती गई। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इन 5 दिनांे तक 33 करोड देवी देवता पुष्कर सरोवर में निवास करते हैं और इस अवधि में स्नान करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है।
पुष्कर तीर्थ में भले ही श्रृद्धालु अपनी आस्था का दामन थामें आए हो लेकिन प्रशासन और पुलिस ने मर्यादाओ की जमकर धज्जियां उडाई। व्यवस्था और सुरक्षा की आड में जिस तरह धार्मिक परम्पराओ को तोडा गया। उससे ना केवल पुलिस और प्रशासन की छवि धुमिल हुई बल्कि पुष्कर मेले के प्रति बरती जा रही संवैदनहीनता भी खुलकर सामने आई। कुछ पुलिस वाले जुते पहन कर अपनी डयूटी को अंजाम दे रहे थे तो कुछ अपने निजी कार्याे में मोबाईल पर व्यस्त थे।
धार्मिक धरा पुष्कर में बुधवार को पुरा माहोल धर्ममयी हो गया। एक और जहां साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतिक आध्यामिक यात्रा निकली। वहीं दुसरे और हजारों श्रद्वालुओं ने सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर अपने आपको धन्य महसुस किया। आध्यात्मिक यात्रा जगत पिता ब्रह्मा मंदिर से शुरू होकर पुष्कर के मुख्य बाजारों से होती हुई मेला मैदान पर संपन्न हुई। इस दौरान जिला कलेक्टर वैभव गालरिया, उपखंड अधिकारी राष्ट्रदीप यादव और प्रशिक्शु आईएएस ओमप्रकाश कसारा ने विभिन्न धर्माें से जुडे लोगों की अगवानी की। यात्रा में एक सक बढकर एक झांकियां सजाई गई। जिसमें किसी ने भगवान की जीवन लीलाओं का चित्रण किया गया तो किसी मंे समाज को संदेश दिया गया। यात्रा में भारत की विविधता में एकता की छवि देखने को मिली। आध्यात्मिक रेली में एक स्कूल की रेली आर्कषण का केन्द्र रही। जिसमें बच्चो ने आने वाले चुनावेा में अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की।
आध्यात्मिक यात्रा में साधुसंतों सहीत सभी धर्माें के प्रतिनिधी मौजुद रहे। इस दौरान यात्रा का जगह जगह पुष्पवर्षा और स्वागत द्वार बनाकर स्वागत किया गया। अलग अलग धार्मिक सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों ने अपनी अपनी भागीदारी निभाई।