जूनिया में तीन घरों से लाखों का माल चोरी

जूनिया। जूनिया कस्बे मे बीती रात गुरूवार को रात तीन घरो मे चोरो ने लाखो रूपये के सोने चँादी के जेवरात व नगदी चुरा ले गये कस्ब्ेा मे दो सप्ताह मे हुई दूसरी चोरी की वारदात से ग्रामीणो मे भारी रोष पैदा हो गया हें प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरूवार रात अब्दुल रशीद अपने परिवार के साथ अलग अलग कमरे मे सो रहा था इसी दोरान घर मे घुसे चोरो ने उन्हे बाहर से दरवाजा बन्द कर दिया व अन्दर वाले कमरे में रखे बक्से मे रखे १ लााख रूपये नगद व चार तोला सोना दो किलो चँादी के जेवरात पर हाथ साफ कर गये जब तक वो कुछ कर पाते तब तक चोर अपना काम कर चुके थें वही दूसरी ओर इन्द्र आचार्य पुत्री धीसा लाल आचार्य के घर मे चोरो ने घर मे रखी अलमारी मे रखे १५ हजार रूपये नगद व सेाने चँादी के जेवरात चुरा ले गये वही इसी रात हुई धटना में गीता आचार्य के घर से पांच हजार रूपये नगद व कीमती समान चुरा ले गये इसी रात चोरो ने कस्बे के राम बाजार में स्थित नोरत जैन,प्यारे लाल जैन,श्याम सुन्दर सेन व शकूर मोहम्मद की दुकानेा मे चोरी करने की कोशिस की चोरो ने दुकानेा के बाहार लगे ताले तो तोड दिये परन्तु अन्दर के ताले नही तोड पाने के कारण बडी चोरी को अन्जाम नही दे पाये गांव मे हुई चोरी की सुचना मिलते ही बीट प्रभारी मोड सिह मय पुलिस जाब्ते बदरूदिन व धनश्याम सिह के साथ धटना स्थल पर पहँुच कर जानकारी ली व अज्ञात चोरो के खिलाप मुकदमा दर्ज कर जाच शुरू कर दी
गुरूवार रात को हुई चोरो ने बडी चालाकी से चोरी को अन्जाम दिया चोर मोहल्ले मे प्रवेश करते ही आस पास के अधिकंाश घरो के दरवाजे बाहर से बन्द कर दिये जिससे चोरी का शोर होन पर भी कोइ बाहर नही आ सके आस पास रह रहे पडोसियो ने बताया की सुबह चार बजे के आस पास अब्दुल रसीद के घर से चार से पांच आदमियो को निकलते हुए देखा परन्तु वो मेहमान समझकर कुछ नही बोले
दिया ज्ञापन कस्ब्ेा मे हो रही आये दिन चोरी से परेशान ग्रामीणो ने शुकवार को पुलिस प्रंशासन सहित जिला कलेक्टर,उपखण्ड अधिकारी को ग्रामीणो ने ज्ञापन दिया ज्ञापन मे बताया की आये दिन हो रही चोरी करने वालो के खिलाप कार्य वाही व रात को गांव मे घरो की सुरक्षा के लिए रात को स्थायी रूप से गार्ड की नियुक्त किया जावे जिससे गांव मे हेाने वाली चोरियो से निजात मिल सके ज्ञापन देने मे जाकिर खान,प्रयाग आचार्य,सिकन्द,मोहन सिह,जाकिर देशवाली,धन्ना लाल सहित अनेक ग्रामीण मोजुद थे।
-शंकर खारोल

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