जाने माने व्यवसायी तोलाराम परसराम राघानी का देहावसान

tola ram raghaniअजमेर। जाने माने व्यवसायी श्री तोलाराम परसराम राघानी का गत दिवस निधन हो गया। नला बाजार स्थित उनकी फर्क प्रभात शू कम्पनी बेहद लोकप्रिय थी। उनके निधन पर व्यवसाय जगत गमजदा हो गया।
पाकिस्तान सिन्ध प्रांत के टंडो आदम सेठ स्वः दोदोमल राघानी न सिर्फ सिन्धी पंजाबी समाज बल्कि समूचे सिन्ध पं्रात के जाने माने व्यापारियों में जाने जाते थे। उनके स्वंय के बीड़ी बनाने के कारखाने थे व लठ व लकड़ी के उच्च व्यवसायी भी थे। उनके पुत्र स्व परसराम राघानी विदेश में व्यवसाय किया करते थे। परसराम राघानी की धर्म पत्नी जमनाबाई राघानी सरल स्वभाव की धार्मिक प्रवृति वाली सामाजिक गृहणी थी। सेठ परसराम व जमनाबाई राघानी ने दो पुत्रो तोलाराम व किशनचन्द व तीन पुत्रियों ईश्वरी देवी, मीरा देवी व द्रोपदी देवी को जनम दिया।
स्व तोलाराम राघानी का जनम 26 जनवरी 1946 को टंडो आयम सिन्ध पाकिस्तान में हुआ मगर विभाजन के समय मात्र 1 1/2 वर्ष की आयु में अपने माता पिता के साथ हिन्दुस्तान आ गये। हिन्दुस्तान आने के बाद सेठ परसराम राघानी ने सिन्धी शरणार्थीयों को क्लेम दिलाने के लिए स्वतत्रता सेनानी चोईथराम गिडवानी व नेहरू जी के परम मित्र भाई प्रतापराय के साथ मिलकर गांधीधाम में सिन्धीयों को जमीन दिलवाई। ये कहना गलत न होगा कि गांधीधाम को बसाने में राघानी परिवार का महत्पूर्ण हाथ रहा है। इस दौरान सेठ परसराम ने अपने जिन्दगी की नई रोशनी व नई किरण नई सुबह को महसूस करते हुए प्रभात शूज नाम वे एक संस्थान नला बाजार अजमेर में स्थापित किया सन् 1961 में बडे़ पुत्र तोलाराम राघानी ने मैट्रिक की शिक्षा पूर्ण करके पिता के व्यवसाय में हाथ बंटना शुरू कर दिया अपनी दूरअंदेशी सोच व नये जमाने की पंसद बन गई और देखते ही देखते प्रभात बूट हाऊस एक ब्रांड बन गया। साथ ही किशन राघानी भी एमए की। शिक्षा पूर्ण कर पिता व भाई के साथ व्यवसाय में जुड गये और प्रभात शू कम्पनी एक एम्पायर के रूप में अपनी भुजाऐ फैलाऐ खड़ा हो गया। तोलाराम राघानी किशनचन्द राघानी राम लक्ष्मण के नाम से जाने पहचानने लगे। इसी दौरान दोनो भाईयों की शादी भी हो गई। तोलाराम राघानी की शादी अहमदाबाद निवासी सेठ बसरमल चावला टंडे अहिल्यार वालों की बेटी लक्ष्मी देवी के साथ हुई। और किशन राघानी का विवाह बड़ौदा निवासी सेठ शेवकराम नानकानी की बेटी गीता देवी के साथ हुई जबकि किशन राघानी की पत्नी गीता राघानी जो कि धार्मिक पृवति की महिला थी 1999 में वो भी भगवान के चरणों में लीन हो गई। स्व तोलाराम राघानी का व्यक्तित्व ऐसा मिलनसार था कि जो भी इंसान इन से एक बार मिलता तो बार-बार मिलने को आता था। स्वंय पर आत्म विश्वास रखने वाले निर्भीक व सच को मुँह पर बोलने वाले दिवंगत तोलाराम परसराम राघानी बेहद धार्मिक प्रवृति के थे व रोजाना मंदिर मे जाकर जब तक पूजा नहीं करते थे तब तक अपने दिन की शुरूआत नही करते थे। कुदरत के अजीब नियम होते है उसी इंसान को जन्दी बुलाते है जिसकी यहंा जरूरत होती है। पेट में अल्सर की प्राब्लम इन्हे हमसे छीन गई व 31 मार्च प्रात 2 बजे हमेशा के लिए प्रभु के चरणो में लीन हो गये। अपने संस्कार व आदर्श अपने पीछे छोड़ गये है उनके पुत्र व पुत्रवधुऐं राकेश राघानी – रिया, नरेश राघानी – मालानरेश दोनो आज उनके संस्कारों की धरोहर संभाले हुए हैं। राकेश राघानी व रिया पुष्तैनी प्रभात ब्रान्ड को बखूबी बरकरार रखे हुए हैं और नरेश राघानी समाज सेवा व लेखन के क्षेत्र में नरेश मधुकर नाम से विख्यात हैं व माला नरेश मेडिकल प्लेसमेंट कन्सलटन्सी के माध्यम से राजस्थान की प्रथम 50 महिलाओं में चयनित हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व राघानी परिवार को इस क्षति को सहन करने का साहस देे।
-होतचंद मोरचानी, सम्पादक , दिव्य दस्तक समाचार पत्र

error: Content is protected !!