दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा शनिवार को चढेगा

dargaah-450-360अजमेर / भीलवाड़ा के गौरी परिवार की ओर से शनिवार को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ ही महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 802वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो जाएगी। गौरी परिवार के सदस्य फखरुद्दीन गौरी झंडा चढ़ाने की रस्म को मुतवल्ली सैयद अबरार अहमद चिश्ती की सदारत में निभाएंगे। दरगाह गेस्ट हाउस से शनिवार को अस्र की नमाज के बाद झंडे का जुलूस रवाना होगा। गाजेबाजे के साथ निकलने वाले जुलूस में शाही कव्वाल असरार हुसैन और साथी गरीब नवाज की शान में सूफियाना कलाम पेश करते हुए चलेंगे। लंगर खाना गली, नला बाजार और दरगाह बाजार होते हुए जुलूस दरगाह पहुंचेगा। रोशनी के वक्त से पूर्व झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा। उर्स में शरीक होने के लिए गौरी परिवार के सदस्य अब्दुल लतीफ, बख्तियार अहमद, मोहम्मद रफीक, मोहम्मद मोहसिन, अमान गौरी, दाऊद हुसैन व अब्दुल रऊफ आदि झंडा लेकर यहां पहुंचे। उर्स का झंडा चढ़ाने की परंपरा गौरी परिवार 1944 से निभाता आ रहा है। फखरुद्दीन गौरी के दादा लाल मोहम्मद गौरी 1991 तक यह परंपरा निभाते रहे। फिर उनके पिता मोईनुद्दीन गौरी ने 2008 तक यह परंपरा निभाई। इसके बाद से फखरुद्दीन गौरी यह परंपरा निभा रहे हैं।

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