सिन्धी साहित्य एक सषक्त साहित्य

kala ankurकला अंकुर का साहित्य प्रकोष्ठ ‘विमर्ष‘ ने सिन्धी साहित्य पर गोष्ठी आयोजित की। कला अंकुर के जनसम्पर्क सचिव शरद गोयल के अनुसार विमर्ष पूर्व में हिन्दी, उर्दू एवं संस्कृत साहित्य पर भी गोष्ठियां आयोजित करता रहा है, इसी क्रम में सिन्धी साहित्य पर आयोजित गोष्ठी में नगर के अनेक सिन्धी साहित्यकार एवं सिन्धी भाषा के जानकार तथा अन्य साहित्य प्रेमी गोष्ठी में उपस्थित थे ।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता डा.(श्रीमती) कमला गोकलानी ने सिन्धी साहित्य का परिचय दिया तथा कराची, पाकिस्तान में ‘सिन्ध ओवर दा सेन्चुरीस’ विषय पर आयोजित अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने अनुभव श्रोताओं के साथ साझा किए। गोष्ठी में कमला गोकलानी की कहानी ‘फैसला होने तक’ तथा ईष्वरचन्द्र की कहानी ‘अपने, पराए देष में’ के हिन्दी अनुवाद का पाठ क्रमषः लता शर्मा व नीतू पंवार ने प्रस्तुत किया। इसी प्रकार सिन्धी कविताओं के हिन्दी अनुवाद स्वयं कवियों ने सुनाए। कार्यक्रम का संचालन सुश्री लता शर्मा ने किया। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक श्री कमलेन्द्र झा, श्री रवि शर्मा, श्री श्याम नारायण माथुर आदि सदस्य मौजूद थे ।
शरद गोयल
जनसम्पर्क सचिव

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