चांद दिखने के साथ ख्वाजा साहब का 802वां उर्स शुरू

dargaah-450-360अजमेर। रजब माह का चांद दिखाई देने के साथ ही बुधवार रात से ही महान सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 802वां उर्स शुरू हो गया। जैसे ही चांद दिखने की सूचना का ऐलान हुआ, दरगाह में शादियाने बजाए गए और तोप से गोले दाग कर सलामी दी गई। बुधवार की रात से ही धार्मिक रस्मों की शुरुआत हो गई। उर्स की शुरुआत पर रात को दरगाह के महफिल खाना में उर्स की पहली महफिल हुई। दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने महफिल की सदारत की। शाही कव्वाल असरार हुसैन समेत विभिन्न कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए। देर रात को मजार शरीफ को पहला गुस्ल दिया गया।
चांद के बारे में ऐलान से पहले दरगाह में मगरिब की नमाज के बाद हिलाल कमेटी की बैठक शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में हुई। कमेटी के रजब महीने का चांद दिखाई देने की घोषणा की। अब 6 मई को कुल की रस्म होगी।
उर्स आरंभ होने के साथ ही जन्नती दरवाजा खोल दिया गया। रात से जायरीन का जन्नती दरवाजे से जियारत को पहुंचने के लिए तांता लगा रहा। अकीदतमंद सिर पर मखमल की चादर और फूलों की टोकरी लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए।
हालांकि जायरीन की आवक शुरू हो गई है, मगर इस बार गर्मी व चुनाव की वजह से शंका है कि इस बार जायरीन की तादाद कम होगी।

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