भ्रष्टाचार विकास में सबसे बडी बाधा-लोकायुक्त एस.एस. कोठारी

गैर सरकारी संगठनों, प्रबुद्घजनों व अधिकारियों को लोकायुक्त के महत्व व उपयोगिता की दी जानकारी
SS Kothariअजमेर। लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री एस.एस. कोठारी ने कहा कि भ्रष्टाचार विकास में सबसे बडी बाधा है, विकास कार्यो में लगने वाला पैसा भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ जाता है। देश का संतुलित विकास तभी संभव है जब हम भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफल हो सकेंगे।
श्री कोठारी ब्यावर के वर्धमान गल्र्स कॉलेज के सभागार में गैर सरकारी संगठनों एवं प्रबुद्घजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जर्मनी की ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल संस्था द्वारा भ्रष्टाचार पर 177 देशों में किए गए सर्वे के आधार पर जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत का 94 वां स्थान है, यह स्थिति काफी गंभीर है। देश में भ्रष्टाचार के विरूद्घ आक्रोश है, विभिन्न स्थानों पर हुए प्रदर्शन इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है।
लोकायुक्त श्री कोठारी ने स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपने कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार निवारण के कार्यक्रमों को स्थान देकर आमजन को जागरूक करे एवं लोकायुक्त-लोकपाल के महत्व से परिचय कराएं तो भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। यदि कोई मंत्री, सचिव, लोकसेवक अथवा अधिकारी अपेक्षित सत्यनिष्ठा से कत्र्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहा है तो इसकी शिकायत लोकायुक्त को जानी चाहिए, जिससे संबंधित व्यक्ति के विरूद्घ कार्यवाही की जा सके।
न्यायमूर्ति श्री कोठारी ने कहा कि राजस्थान देश का तीसरा राज्य है जहां वर्ष 1973 में लोकायुक्त अधिनियम बना। लोकायुक्त की स्थापना लोगों में व्यवस्था के प्रति विश्वास बहाली एवं कुशल व उत्तरदायी प्रशासन की स्थापना हेतु की गई है। लोकायुक्त को भेजी जाने वाली प्रत्येक शिकायत का संवेदनशीलता से जांच कर प्रभावी कार्यवाही की जाती है एवं झूठी व व्यक्तिगत लाभ के लिए की जाने वाली शिकायतों को हतोत्साहित किया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि अपनी लोकायुक्त अधिनियम लागू होने के 41 वर्षो बाद स्थितियों में काफी बदलाव आया है, जिसके अनुरूप लोकपाल अधिनियम में अब प्रभावी संशोधन की आवश्यकता भी महसूस हो रही है।
इस अवसर पर आमजन ने लोकसेवकों के विरूद्घ 20 शिकायतें लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री एस.एस. कोठारी के समक्ष प्रस्तुत की। बैठक में संयुक्त सचिव लोकायुक्त सचिवालय श्री हरीराम जाट, उपसचिव लोकायुक्त सचिवालय श्री उमाशंकर शर्मा, उपखंड अधिकारी श्री भगवती प्रसाद, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
अधिकारी अपने कत्र्तव्य का पालन करें-
लोकायुक्त श्री एस.एस. कोठारी ने वर्धमान गल्र्स कॉलेज के सभागार में आयोजित अधिकारियों की बैठक के दौरान लोकायुक्त संस्था के महत्व, शक्तियों व कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए कहा कि अधिकारियों को नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करते हुए शिकायतों की संवेदनशीलता से सुनवाई कर समयबद्घ तरीके से पारदर्शिता के साथ निराकरण करना अपने कत्र्तव्य का पालन करना चाहिए।
श्री कोठारी ने कहा कि देश में ईमानदार अधिकारियों की कमी नहीं है, लोकायुक्त अधिकारियों के हितों के प्रति संवेदनशील है। लोकायुक्त द्वारा दुर्भावनापूर्वक व व्यक्तिगत हितों की पूर्ति हेतु की जाने वाली शिकायतों को हतोत्साहित करते हुए कहा कि निरर्थक शिकायतों को हटा दिया जाता है। जब किसी अधिकारी के विरूद्घ शिकायत की जाती है तो संबंधित विभाग को प्रकरण प्रेषित कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी जाती हैै, लेकिन विभागों द्वारा तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने में काफी विलम्ब किया जाता है जिससे शिकायतों का निस्तारण होने में काफी समय लगता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे लोकायुक्त द्वारा मांगी गई तथ्यात्मक रिपोर्ट पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करे जिससे समयबद्घ तरीके से शिकायतों का निस्तारण करना सुलभ हो सकेगा।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री कोठारी ने लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत विभिन्न शिकायतों के बारें में अधिकारियों को सूचित करते हुए विभागीय रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने भी लोकायुक्त की कार्यप्रणाली व शिकायतों के निस्तारण के संबंध में सवाल-जवाब किए। इस अवसर पर संयुक्त सचिव लोकायुक्त सचिवालय श्री हरीराम जाट, उपसचिव लोकायुक्त सचिवालय श्री उमाशंकर शर्मा, उपखंड अधिकारी श्री भगवती प्रसाद समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

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