नेगडिया पुल के चालु होने से दर्जनो गॉवो के सपने होगे साकार

p1-शंकर खारोल- सूरजपुरा। पुराने कोटा मार्ग पर अग्रेंजो के द्वारा अपने जमाने मे 12 मार्च 1936 को बनास नदी पर बनाए गए नेगडिया पुलिया की 50 वर्ष की समय सीमा समाप्त होने के बाद पुलिया से खतरा बढ गया था। बीसलपुर बांघ की भराव क्षमता बढाने के बाद केकडी देवली का सीधा रास्ता बंद हो गया था। बांध के भराव मे आने के साथ ही नेगडिया पुलिया पुरी तरह से डुब जाती है जिससे प्रषासन ने पुलिया खाली होने के बाद भी आवागनम बंद कर दिया। आवागमन बंद होने के कारण देवली तहसील के दर्जन भर गॉवो का सर्म्प्क अपने तहसील मुख्यालय से कट गया था। इन गॉवो के निवासियो को जाने अपने छोटे मोटे कामो के लिए देवली जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर का रास्त केकडी-सावर होते हुए करना पडता था। पुलिया के डुब जाने व क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद अपने मुख्यालय से कट जाने के कारण इन गॉव के लोगो ने पुलिया बनाने के लिए जोर आजमाइष षुरु कर दी लेकिन राजनैताओ ने इन्हे हर बार सिर्फ झुठे आष्वासन दिए। पुलिया बनाने को लेकर इन गॉव के निवासियो ने एक संघर्ष समिति का गठन किया और कई बार आन्दोलन किए आखिरकार मे वोटो की राजनीति के आगे पिछली सरकार को मजबुरन अपने घोषणा पत्र मे इसे षामिल करना पडा । घोषणा पत्र मे षामिल होने के बाद पुर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने जाते जाते नेगडिया पुलिया का षिलान्यास किया जिससे अपने मुख्यालय से कटे खेत्रवासियो मे के सपने को उडान मिली।

वोटो की राजनीति मे मिला पुल-
वोटो की राजनीति के कारण केन्द्रीय वित मंत्री व देवली के पुर्व विधायक रामनारायण मीणा ने पिछले चुनावो मेपुल की मांग को प्रमुखता से उठाते हुए कॉग्रेस के घोषणा पत्र मे नेगडिया पुलिया को षामिल करवाया। लेकिन कॉग्रेस सरकार के षासनकाल मे साढे चार साल तक पुलिया निर्माण के टेंडर कई बार निरस्त होने के बाद क्षेत्रवासियो को अपने अरमानो पर पानी फिरता दिखा लेकिन पिछली सरकार ने अंतिम समय तुरत फुरत मे पुलिया के ऑनलाईन टेण्डर पुनः जारी करवाए और पुर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने खुद आकर पुल का षिलान्यास कर लोगो के सपने को उडान दी। पुलिया निर्माण को लेकर नाबार्ड के सहयोग से दो बार राषि जारी की गई।

ऑनलाईन निविदा हुई-
नेगडिया पुलिया निर्माण को लेकर राज्य सरकार ने ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की। ऑनालाईन निविदा मे गुजरात के अहमदाबाद की फर्म विजय एम.एम.मिस्त्री प्राईवेट लिमिटेड को ठेके की राषि कम भरने पर इसका ठेका दिया गया। जिससे राज्य सरकार को भी करीब 12 करोड रुपये के लगभग बचत हुई। इससे पहले भी राज्य सरकार ने ऑनलाईन निविदाएं आमंत्रित की लेकिन कोई भी फर्म छुडाने को तैयार नही हुई।

दो षिफटो मे चलता है कार्य-
नेगडिया पुलिया निर्माण के लिए अहमदाबाद की कम्पनी ने जल्दी से जल्दी कार्य को करने के लिए फर्म विजय एम.एम.मिस्त्री प्राईवेट लिमिटेड के वर्कर पहले तो तीन षिफटो मे काम षुरु किया। इसके बाद दो षिफटो मे काम किया। अब वर्कर एक षिफट मे काम कर रहे है। तीन षिफटो मे रात्रि के समय बडी बडी लाईटे लगाकर रोषनी चकाचौंध मे काम करते थे।

पुरानी पुलिया के टुटे पिलर
विजय एम.एम. मिस्त्री प्रा. लिमिटेड को दिए गए ठेके मे पानी की पुलिया का निर्माण करने के लिए जिस वोट पर खोदने की मषीन को लगा रखा है। वोट हवा के वेग से इधर-उधर हिले डुले नही इसके लिए वोट को पुरानी पुलिया के खम्भे तथा दुसरी और के सामान डुबोकर इसे सुरक्षित रखा गया है।

नई पुलिया बनाने के बाद पुरानी पुलिया को तोड देंगे
नई पुलिया बनने के बाद क्षतिग्रस्त हुई पुरानी पुलिया को नियमानुसार खतरे को देखते हुए ढहा दिया जाएगा। नई पुलिया के पुर्ण होने के साथ पुरानी पुलिया से कोई जान जोखिम ना डाले इसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा तोड दिया जाएगा।

बोरिंग मषाीन से किए पिलरो के खड्डे
एक बडी बोरिंग मषीन को पानी मे लेाहे से बनाए गए जुगाड पर उतारकर पानी के अन्दर बोरिंग कर पुलिया के खम्भो के लिए खड्डे खोदे गए उसके बाद उनमे कंकरीट भरी गई। पिलरो के पुर्ण होने पर उन फर्मो को हटा लिया गया।

आम आदमी 14 जुन से कर सकेगा अवलोकन
नवनिर्मित पुल पर आवागमन को रोकने के लिए कम्पनी द्वारा रेत बिछाने का कार्य अंतिम छोर पर पहुंच गया है। यह कार्य थोडे दिनो मे पुर्ण हो जाएगा इसके बाद 14 जुन से आम आदमी पुलिया निर्माण कार्य का अवलोकन कर सकेगा। लेकिन वे अपने वाहन दुसरी और नही ले जा सकेगें।

पाईल्स का निर्माण पुरा
पुलिया निर्माण से जुडे साइट इन्जीनियर ने बताया की पुल निर्माण के लिए 124 पाईल्स बनाए जा चुके है जिन पर मजदुरो द्वारा लोहे के गर्डर लगाकर उसकी सेटरिंग की जा रही है। इन्ही 6 पिलरो का एक ग्रुप बनाकर एक फाउन्डेषन का निर्माण किया गया है। ऐसे मे समुची नदी मे 18 प्लेटफार्म बनकर तैयार हो चुके है। इन फाउन्डेषनो पर पुलिया निर्माण का कार्य प्रगति पर है। पुल के अन्तिम व षुरुआती छौर पर 6 के स्थान पर 8 पाईल्स बनवाए गए जिससे वाहनो को आवाजाही मे परेषानी का सामना ना करना पडे। दो फाउन्डेषनो के बीच मे कम्पनी के पास मौजुद दो टेªस की सहायता से सरिये व कंकरीट को जमाया जाएगा।

पानी मे रेत बिछाकर बनाई जा रही सडक-
केकडी व देवली की तरफ करीब एक-एक किलोमीटर तक फैले पानी मे रेत बिछाकर करीब 5 मीटर तक उॅचा किया जा रहा है। सडक को रेत से पुलिया के दोनो तरफ उॅचा करने के बाद पत्थरो को लगाकर मजबुत किया जाएगा। देवली की तरफ इन्द्रपुरा तक सडक निर्माण का कार्य लगभग पुरा हो चुका है वही केकडी की तरफ डाबर चौराहे के बालाजी तक पानी मे रेत बिछाकर सडक बनाने का कार्य बाकी है।

दोनो तरफ पॉच किलोमीटर तक उॅची होगी सडक-
कम्पनी से जुडे अधिकारियो ने बताया की देवली की तरफ कासीर गॉव से व केकडी की तरफ मालेडा चौराहे तक पॉच किलामीटर क्षेत्र मे सडक की उॅचाई की जाएगी।

50 प्रतिषत तक कार्य पुरा-
निर्माण कम्पनी से जुडे अधिकारियो ने बताया की पुल का लगभग 70 प्रतिषत तक का कार्य पुरा हो चुका है। दो साल मे पुरा होने वाले निर्माण का काम बारिष को देखते हुए छः माह मे करीब 50 प्रतिषत तक पुरा कर चुके है। अगर दो साल मे कम्पनी कार्य पुरा नही कर पाती है कम्पनी को रोजाना करीब 20 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा।

इन गॉवो को मिलेगा फायदा-
देवली तहसील के बीजवाड, मानपुरा, रतनपुरा, थॉवला, रामथला, नासिरदा, हिसामपुर, मोलडा, नाहरवाडा, डाबर, बडला, तितरिया सहित दर्जनभर से भी अधिक गॉव व केकडी के कालेडा,मोलकिया,नाईखेडा भी सीधा देवली से जुड जाएगा।

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