महानरेगा योजना के कार्यो में उदासीनता बनी कारण
अजमेर। महानरेगा योजना के कार्यो में उदासीनता बरतने पर जिले के दो अधिशाषी अभियंता एवं पांच विकास अधिकारीयो को महानरेगा योजना में उपयोगिता एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं करने को लेकर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एल.आर. गुगरवाल ने कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब मांगा है।
जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि पीसागंन, जवाजा एवं मसूदा पंचायत समिति में कबीर अख्तर अधिशाषी अभियंता जिला परिषद अजमेर एवं आई.सी. खण्डेलवाल अधिशाषी अभियंता जल ग्रहण सिलोरा को श्रीनगर, सिलोरा एवं भिनाय पंचायत समिति में 10 लाख से ऊपर के उपयोगिता एवं कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु लगाया गया था, परन्तु श्रीनगर में 13.26 करोड़, सिलोरा में 5.00 करोड़, भिनाय में 6.95 करोड़, पीसागंन में 33.90 करोड़, जवाजा में 30.00 लाख एवं मसूदा में 193.00 लाख की 10 लाख से ऊपर के यू.सी.सी.सी. बकाया होने से कबीर अख्तर अधिशाषी अभियंता जिला परिषद एवं आई.सी. खण्डेलवाल अधिशाषी अभियंता जल ग्रहण विभाग सिलोरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वही जिले के जवाजा, मसूदा एवं भिनाय को छोड़कर उपयोगिता एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र भिजवाने में लापरवाही बरतने को लेकर अंराई विकास अधिकारी सीमा कौशल, किशनगढ़ विकास अधिकारी अमित शर्मा, पीसांगन विकास अधिकारी सम्मत लाल गोदारा, श्रीनगर विकास अधिकारी मुरारी लाल शर्मा एवं केकड़ी विकास अधिकारी ओमकारेश्वर शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिला परिषद सीईओ श्री एल.आर. गुगरवाल ने बताया कि अंराई में 20.46 करोड़, किशनगढ़ में 21.50 करोड़, पीसांगन 50.00 करोड़, श्रीनगर में 22.18 करोड़ एवं केकडी पंचायत समिति में 23.25 करोड़ के उपयोगिता एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र लम्बित होने से पांचो विकास अधिकारीयों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिवस में जवाब देने हेतु निर्देशित किया गया है।
(विकास जादम)
समन्वयक आई.ई.सी. महानरेगा
जिला परिषद अजमेर